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26.11.07

रियाज़ भी आ गए, सदस्य संख्या ६० पहुंची

भड़ास की कल्पना और शुरुआत के साथ से ही साथी रहे सहारनपुर के रियाज़ हाशमी जी फिर नए भड़ास के भी मेंबर बन गए। और आज भड़ास की मेंबरलिस्ट बढ़कर 60 पहुंच चुकी है। पहले तो रियाज़ और अन्य नए भड़ासियों की जमकर और जोरदार स्वागत। कमी रह गई है तो विकास मिश्र जी कि लेकिन पता नहीं कौन सी मजबूरियां हैं जो वो भड़ास को दूर कर किसी सौतन को गले लगाये पड़े हैं। खैर, भड़ास में उनकी कमी खलती रहेगी और उन्हें हम हमेशा मिस करते रहेंगे। कुछ उसी तरह जैसे वनवास गए राम की जगह उनकी खड़ाऊं को सिंहासन पर रहकर भरत राजपाठ देखते रहे। तो विकास जी की जगह खाली रहेगी और उनके आने का इंतजार रहेगा।
रियाज़ पिछले कुछ दिनों से जिस तनाव में थे, उसको हम समझ सकते हैं। उनके और मेरे भी मित्र रहे आईबीएन के नीरज चौधरी का एक सड़क हादसे में गुजर जाना, काफी सदमा देने वाला रहा। उस दुख से उबर पाना संभव नहीं लेकिन ज़िंदगी है जो समय के साथ जख्मों पर मरहम लगाकर आगे चलने के लिए खुद ब खुद ढकेलती रहती है। कोई लाख चाहे जिंदगी को पीछे नहीं ले जा सकता, जिंदगी और समय की गति को रोक नहीं सकता। हम बस इतना कर सकते हैं कि पीछे की यादों को संजोकर रह सकते हैं ताकि उनसे प्रेरणा लेते रहें, सीख लेते रहें, सबक लेते रहें।
रियाज़ भाई से उम्मीद करता हूं कि वे नीरज के जीवन के कुछ ऐसे पहलुओं पर रोशनी डालेंगे जिससे हम सब कुछ जान सकें, सीख सकें। भड़ास पर नीरज की तस्वीर सदा रहेगी, इसका हम सभी भड़ासी ऐलान करते हैं। क्योंकि हम चाहते हैं कि भविष्य में नीरज की स्मृति में हम जरूर कुछ न कुछ करें। यह कबसे और किस रूप में होगा, मैं अभी कह पाने की स्थिति में नहीं हूं लेकिन हां, करना है, इतना तो तय है।
जय भड़ास
यशवंत

1 comment:

SHAAN said...

यंशवत दा आपने जो यू टुब मे गाना डाला है उसमें आवाज नही आ रही है
*shaan*
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