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24.1.08

कूडा ब्लोगरो के लिये पुरस्कार

आज कुछ सोचने पर मजबूर होना पडा! वैसे मे बहुत कम सोचता हू ! क्योकि कभी सोचने की जरुरत ही नही पडी ,
और मेरा सोंचना भी उन पुरस्कारों पर हुआ जो कुछ ब्लोगर भाईयों ने शुरु किया हें! एक ब्लोगर समूह तो पुरस्कार बात चुका हें !(जिस पर थोडा होहल्ला भी हुआ था) और दूसरे समुह के पुरस्कार पर मतदान की प्रक्रिया शुरु हो गई हें
और इस पुरस्कार को जीतने के लिये कुछ अच्छे-अच्छे चिठ्ठाकारो ने अपना-अपना नामांकर करवा कर वोट भी मागना शुरु कर दिये हें ? पुरस्कार जीतना बहुत गर्व की बात हें! और इस की लालसा हर इंसान मे होती हें ,कि वो अपनी जिंदगी मे कोई पुरस्कार जरूर जीते ? मेरा सोचना हें उन मेरे जेसे (कूडा-कबाड़ा ) लिखने वाले ब्लोगरो के बारे
मे जिन का मेरी तरह साहित्य ज्ञान शून्य हें ! लेकिन दुसरो को देख उत्साहित हो कर लिखने की कोशिश करते हें!
तभी कुछ तथाकथित भ्रमित नामी ब्लोगर उन को (कूडा-कबाड़ा ) कह कर मजाक उडाते हें ! क्यो ना एक एसा पुरस्कार शुरु किया जाये ,जो केवल एसे ब्लोगरो को दिया जाये ,जोकि पेशेवर लेखक नही हें बल्कि लिखने की
कोशिश कर के साफ़ सीधा लिखते हें !जिन के लिखने मे कोई बनावटीपन नही हें और इस पुरस्कार से जहा नये
उभरते नोसिखिये ब्लोगरो का उत्साहा बढेगा वही हिन्दी के प्रति भी प्रेम बढेगा
ओर यह सब निर्णय मै अपने भडासी भाईयो पर छोडता हू ( खासकर यशवन्त भाई पर ) और सात समुंदर पार
मेरे से जितना बन पडेगा मे योगदान दूगा वतन से दुर वतन की याद मे अपनी भाषा से प्यार करता हू
आप सभी भडासी भाई अपनी राय जरुर दे
गुलशन खट्टर पुर्तगाल gulshan221.blogspot.com

5 comments:

Keerti Vaidya said...

Mujhey nahi pata tha...ki ine purskaro ko laker kafi behas baji ka maahoul bana hai.....kehr mein ise kshter mein nayi hun aur na he maine apna naam nominate kiya aur na he kisi sey vote maang rahi hun......par mujhey dekhna hai ke kyun jeetega aur kis adhaar sey....kher waise mera manna hai hai....yeh sab bakwaas hai......aur kuch nahi ..apni site ko advertise kiya ja reha hai kuch logo ko bali ka bakra bana kar....

PD said...

अजी मैं तो सबसे पहले नामांकन करने को तैयार हूं, पर शर्त ये है कि मुझे ही पहला पुरस्कार मिलना चाहिये..
मैं आपकी सभी क्राईटेरिया फुलफिल करता हूं.. ;)

समयचक्र said...

क्यो न कूड़ा करकट ब्लाग समूह ही बना लिया जावे फ़िर उसमे कूड़ा कर्कटो को एकत्रित कर उन्हें ही सम्मानित कर दिए जाए . भाई हिन्दी ब्लॉग जगत शैशव काल मे है उसमे कूड़ा कर्कटो का भी कुछ तो योगदान है

समयचक्र said...

क्यो न कूड़ा करकट ब्लाग समूह ही बना लिया जावे फ़िर उसमे कूड़ा कर्कटो को एकत्रित कर उन्हें ही सम्मानित कर दिए जाए . भाई हिन्दी ब्लॉग जगत शैशव काल मे है उसमे कूड़ा कर्कटो का भी कुछ तो योगदान है

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...
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