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15.3.08

बोलेंगे तो लोग बुरा मान जाएँगे , तो क्या गूंगा हो जाऊं ?

इधर मेरा मन बड़ा ख़राब चल रहा है । लगता है बेकार है जीवन । सन्यास लेलूँ । किसी आश्रम मे चला जाऊं ? दारू छोड़ कर गंजा पीने लगूं । सब बुरी बाते छोड़ कर अच्छा-अच्छा बोलूं । अच्छा ही खाऊँ , अच्छा ही पहनूं । लंगोट सिला लूँ । रोज नदी मे न्हाऊँ। क्या करूं कि लोग मुझे अच्छा आदमी समझें । क्या करूं कि लोग मुझे बुरा न मानें , बड़ी बेचैनी है ...कहाँ जाऊं , कहाँ नही जाऊं ? क्या बोलूँ , क्या न बोलूँ , क्या करूं । मैं सची बात कहता हूँ ...मैं अच्छा आदमी बनना चाहता हूँ , एक भी ख़राब बात नही करना चाहता हूँ । कुछ भी ख़राब नही पीना चाहता हूँ । मैं अच्छा आदमी बनने का काम मनोयोग से करना चाहता हूँ ...राग-द्वेष से उपर उठ जाना चाहता हूँ । मैंने इसके लिए कोशिश शुरू कर दिया है । मैंने सबसे पहले अपनी प्रेमिका से बात करनी बंद कर दी है ...प्रेम तो गंदा काम है न जी । और निर्णय लिया है बीबी से सम्भोग नही करूंगा । ह्गना-मुतना सब बंद कर दूँगा । साला-साली को देखते ही गोली मार दूँगा -ऐसे रिश्तों का नाम लेने से जुबान गंदी हो जाएगी कि नही । सबके बारे मे अच्छा सोचूंगा ...चोर , बदमास , बलात्कारी घोतालेबाज , रंदिबाज इन सबको देखते ही चरण छू लूंगा । गूंडों की भी इज्जत करूंगा । किसी की आत्मा को दुखी नही करूंगा , सबके आत्मा मे परमात्मा है । किसी को गाली नही दूंगा । गाँधी जी के तीनो बन्दर एक साथ बन जाऊँगा । हे ब्लोगों मे व्याप रहे अच्छे लोगों , बताओ तुम्हारी तरह मैं भी कैसे अच्छा आदमी बन जाऊं । देखो अच्छा आदमी बनने की मेरी प्रक्रिया गूंडों ने मेरे यशवंत भाई पर हमला किया , मैं चुप रहा ....गूंडों की गंद मे गोली नही मार सकता ...उन्हें गाली नही दे सकता ...मैं कोई बुरा काम नही कर सकता ....मेरे mnish राज भाई को बेटी हुई ...मैंने badhaee नही दी ....बिना गंदा काम किए बेटा-बेटी कैसे पैदा हो skti है ...मैं बुरे काम पर badhaee क्यों दूँ ? हे chootiyon बताओ और कितना dhairy dharoon कि अच्छा आदमी बन जाऊं ? बताओ कि कब तक चुप rhoon ? क्या करूं ?

4 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

हे प्रभु, ये मेरे पंडित जी को क्या हो गया ? कैसी गंदी-गंदी बाते कर रहे हैं अच्छे बनने के चक्कर में ,क्या आपको भी किन्हीं अच्छी औरतों ने टोचन दिया है क्या जैसे अपने भूतपूर्व भड़ासी सुरेश चिपलूणकर के संग हुआ.....

Anonymous said...

HARE DADA KA HO EBRI MOOD BANA KE PURE DHANSA DIYE HAIN HO.LEKIN CHUTIUM SULFET TYPE KE PRAJATI PAR KOI ASAR PARE TAB NA......

मोहम्मद उमर रफ़ाई said...

बेटा,अगर तुमने अपने धर्म को छोड़ दिया तो ठीक नहीं है तुम हगना मूतना जारी रखना बाकी लोग तो जरा सा औरंगज़ेब ने डंडा हिलाया तो कन्वर्ट हो जाने वाले हैं और........

मोहम्मद उमर रफ़ाई said...

बेटा,अगर तुमने अपने धर्म को छोड़ दिया तो ठीक नहीं है तुम हगना मूतना जारी रखना बाकी लोग तो जरा सा औरंगज़ेब ने डंडा हिलाया तो कन्वर्ट हो जाने वाले हैं और........
ये लोग तो बापू का चौथा बंदर हैं जिसे तुम लोग नहीं जानते चौथा बंदर अपने दोनो हाथ टांगों के बीच रह कर बैठा रहता था इस लिये बापू ने उस वक्त उसे इग्नोर कर दिया लेकिन आज वही बंदर सबसे ज्यादा शरीफ़ माना जाता है ....