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28.6.08

ख़बर की सनसनी

बहुत हो गया अब तो बस करो अरुशी हेमराज मसाला को भूनना । क्या मेट्रो शहर की हर ख़बर राष्ट्रीय समाचार होती है जब की छोटे शहर की महत्वपूर्ण ख़बर भी गुमनामी के बीच खो जाती है। ये माना की मिडिया जागरूकता लाती है खासकर सोए समाज को किंतु यदि जगाने में भोंपू बजा बजा कर हल्ला मचाया जाता है तो यह उसकी ख़बर न मिलने की हताशा को दर्शाती है। जिस तरह इलेक्ट्रॉनिक मिडिया के एक ग्रुप ने जी जान लगाकर आरुशी हेमराज हत्याकांड को फोकस किया वह समाज को क्या देगा। एक सीरियल के जुर्म एपिसोड की तरह मेट्रो दर्शक इस ख़बर को देखे । टी आर पी बढ़ी । विज्ञापन बढ़ा। क्या यही थी मिडिया की हकीकत। छोटे छोटे शहर की एक भी ख़बर यदि राष्ट्रीय समाचार बन गए तो यह उस ख़बर की खुस्किस्मती होती है। मैं प्रिंट मिडिया के एक कस्बाई पत्रकार के बारे में बता रहा हूँ जिनका मकसद अख़बार को पैसा वसूलने का माध्यम के तौर पर पेस करना है। हुआ खछ यूँ की खगरिया जिले के बेलदौर प्रखंड में NREGA के तहत सड़क बन रही है जिसमें धांधली अपने चरम सीमा पर है। हिंदुस्तान के लोकल पत्रकार ने इस ख़बर की रिपोर्टिंग की । अगले दिन यह ख़बर हिंदुस्तान के स्थानीय पेज पर सुर्खी थी। पुनः अगले दिन उन्ही पत्रकार बंधू के उसी ख़बर की रिपोर्टिंग की गई किंतु अंदाज़ बदला हुआ था । आज यह ख़बर मुख्य पेज पर आई। उसी योजना के बारे में लिखा था बहुत अच्छी सड़क बनाई गई है। कल यही सड़क ख़राब थी और आज अच्छी हो गई। दरअसल यह कमाल था मनी का यानी मोटी गड्डी । देने वाला था वहां को कार्यक्रम पदाधिकारी।
तो कुल मिलाकर मेट्रो से लेकर लोकल स्तर तक के पत्रकारिता की झलक ।
भाई हमारा भड़ास ही अच्छा है जहाँ अपने जेब से पैसा लगाकर हम भडासी नेट पर बैठकर अपना भड़ास तो निकल ही लेते हैं।
जय हो ................ अपना भड़ास की ।

2 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

दिनकर भाई,हम तो उपवास रखकर बैठे हैं कि कब कोई भ्रष्ट अधिकारी हमारे पास आये और कहे कि अमुक घटना को भड़ास पर मत डालो भाई चाहे जितनी मोटी गड्डी ले लो...... कोई साला आता ही नहीं है न मेरे पास न ही यशवंत दादा के पास,आपमें से किसी के पास आए तो पैसा लेने से पीछे मत हटना कम से कम नेट का खर्च तो निकल आएगा..... :)
जय जय भड़ास

DINKAR said...

kya sachmuch ke rupesh dada gaddi le lenge. to main ab agla abhiyan chalu karunga aise logon ki go apne bharastipan ka jurmana dene se na hichkegen.