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20.7.09

खग्रास सूर्यग्रहण-2009 आपके लिये शुभ है

पं. राजेश शर्मा
जुलाई माह में 22 तारीख को प्रकृति की अदभुत घटना खग्रास सूर्य ग्रहण के रूप में घटने जा रही है। सूर्यग्रहण कर्क राशि एवं पुष्य नक्षत्र में घटित हो रहा है यह संवत 2066 का प्रथम सूर्यग्रहण है खग्रास सूर्यग्रहण का अर्थ होता है सूर्यग्रहण में चन्द्रमा का सूर्य बिम्ब को पूर्ण रूप से ढक लेना। इसे पूर्ण सूर्यग्रहण भी कहा जाता है। इससे पूर्व यह पूर्ण सूर्यग्रहण पृथ्वी पर 1 अगस्त 2008 को देखा गया था, लेकिन यह खग्रास सूर्यग्रहण के रूप में भारत में दृश्यमान नहीं था लेकिन इस माह होने वाला सूर्यग्रहण भारत के कई स्थानों पर खग्रास के रूप में दृश्य होगा। इस खग्रास सूर्यग्रहण में लगभग 7 मिनट 6 मिमिनट 44 सैकण्ड तक ग्रासमान काल रहेगा। इस अवधि में सूर्य बिल्कुल भी दिखाई नहीं देगा आकाश में अंधेरा छा जायेगा और तारे दिखने लगेंगे यह स्थिति पूर्ण ग्रहण वाले स्थलों पर होगी। यह सूर्यग्रहण ग्रासमान की समय अवधि के दृष्टिकोण से 21वहीं सदी का सबसे लम्बी अवधि वाला सूर्यग्रहण होगा। भारत में अगला खग्रास सूर्यग्रहण 78 वर्ष के पश्चात सन 2087 में घटित होगा।सूर्यग्रहण के दृश्य स्थलभारत के अतिरिक्त यह दक्षिण पूर्व एशिया के देश पाकिस्तान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, सिंगापुर, चीन, रूस, जापान, उत्तरी इण्डोनेशिया, फिलीपीन्स तथा पश्चिमी और मध्य प्रशान्त महासागर मे दिखाई देगा। भारत में यह सूर्यग्रहण कई स्थानों पर ग्रस्तोदय प्रारम्भ होगा तो कई स्थानों पर सूर्योदय के पश्चात।सूर्यग्रहण का समय ---22 जुलाई : कहीं खग्रास, कहीं ग्रस्तोदय तो कहीं खण्डग्रास सूर्य ग्रहण होगा। राजस्थान, दिल्ली, दक्षिण तथा पश्चिम भारत में ग्रहण लगे सूर्य से सवेरा होगा। भारत में सुबह 5:29 बजे से 7:42 बजे तक दिखाई देगा। सूर्यग्रहण का प्रारम्भ सूर्योदय के पश्चात होगा, लेकिन जिन स्थानों पर सूर्योदय इस समय के पश्चात होगा वहां पर सूर्योदय ग्रहण के रूप में ही उदित होगा। ग्रहण का सूतक इस ग्रहण का सूतक 21 जुलाई 2009 को सायंकाल सूर्यास्त के समय से ही प्रारम्भ हो जायेगा। शास्त्रों के अनुसार सूतक काल में भोजन करना, मन्दिरों के दर्शन करना तथा मन्दिरों में आरती होना निष्द्धि है। अन्न एवं अन्य पेय तथा भोजन पदार्थो को ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सूतककाल प्रारम्भ होने के पूर्व ही दूब अथवा कुश भोजन पदार्थो मे रखनी चाहिए।आपकी राशि क्या है और उस पर क्या प्रभाव होगा ग्रहण कासूर्यग्रहण का विभिन्न राशियों पर प्रभाव यह सूर्यग्रहण कर्क राशि एवं पुष्य नक्षत्र में घटित हो रहा है इसलिए इस नक्षत्र में उत्पन्न जातकों एवं कर्क राशि वालों के लिए यह ग्रहण विशेष रूप से परेशानी वाला सिद्ध हो सकता है। शेष राशि वालों के लिए इसक फल निम्नलिखित होगें।मेष राशि मेष राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण स्वास्थय पक्ष्‍ा के दृष्टिकोण से उत्तम नहीं है। अत: आगामी छह माह तक इन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधानी अपेक्षित है। साथ ही वाहना आद‍ि चलाते समय भी सावधानी रखें।वृषभ राशि: वृषभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न नहीं कर रहा है। यदि आपको कोई कार्य पिछले कई दिनों से किसी कारणवश अटक रहा है तो वह आपके प्रयासों से शीघ्र ही पूरा हो जाएगा।मिथुन राशि: मिथुन राशि वालों के लिए यह ग्रहण कुछ चिन्ताएं उत्पन्न कर सकता है। विशेष रूप से ये चिन्ताऐं ऋण एवं व्यय से सम्बन्धि तो सकती है।कर्क राशि: कर्क राशि वालों के लिए यह समय विशेष सावधानी का है अपनी राशि में ही ग्रहण होने के कारण स्वास्थ्य सम्बन्धित चिन्ता विशेष रूप से उभर कर आ सकती है। साथ ही दुर्घटनाओं की सम्भावना भी बन रही है अत: विशेष सतर्कता के साथ आगामी छह माह तक व्यती करें।सिंह राशि: सिंह राशि वालों के लिए यह ग्रहण काफी उतार चढाव पूर्ण रहने की सम्भावना है इन दिवसों में आपको अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए, अन्यथा परिजनों से वैचारिक मतभेद होना सम्भव है। साथ ही इस समय में धन के लेन देन से भी बचने की कोशिश करें।कन्या राशि: कन्या राशि वालों को इस ग्रहण से अधिक चिन्तित होने की आवश्यकता नहीं है। यदि पिछले दिनों कोई कार्य अटक रहा था तो वह भी इन दिवसों में आपके पक्ष्‍ा में हो जायेगा।तुला राशि: तुला राशि वालों के लिए भी यह ग्रहण कष्टप्रद नहीं है। इन दिवसों में जो भी परिवर्तन होंगे आपके पक्ष में ही होगे किसी शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है। कार्यक्षेत्र में उन्नति के योग बन सकते हैं।वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि वालों के लिए यह ग्रहण प्रतिकूल रह सकता है। आगामी छह माहों में अपनी वाणी पर संयम रखते हुए जीवन यापन करना आपके लिए लाभदायक है. अन्यथा किसी मुसीबत का सामना करना पड सकता है। सावाधानी जीवन के सभी क्षेत्रों में अपेक्षित हैं।धनु राशि: धनु राशि वाले व्यक्तियों के लिए यह ग्रहण कष्टकारी रह सकता है स्वास्थ्य सम्बन्धी सावधानी रखें तथा सभी के साथ अच्छा व्यवहार करने का प्रयास करें। वाहन आदि चलाते समय भी पूर्ण सुरक्षा का ध्यान दें तेज गति एवं लापरवाही से वाहन चलाना आपके लिए कष्टप्रद हो सकता है।मकर राशि: मकर राशि वालों के लिए यह ग्रहण पारिवारिक सुख के दृष्टिकोण से उत्तम नहीं है अपने जीवनसाथी से व्यवहार में नम्रता रखने का प्रयास करें अन्यथा छोटे छोटे विवाद भी बड रूप धारण कर सकते हैं स्वास्थ्य के प्रति भी सावधानी अपेक्षित है।कुभ राशि: कुम्भ राशि वालों जातकों के लिए यह ग्रहण कष्टकारक नहीं है यह समय अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का है यदि आ पिछले दिनों किसी भी प्रकार की परेशानियों से पीडित रहे हैं तो उनसे भी आपको मुक्ति प्राप्त हो जाएगी।मीन राशि: मीन राशि वाले व्यक्तियों के लिए यह सूर्यग्रहण मानसिक रूप से अधिक कष्टकारी है। अचानक आयी परेशानियों के कारण अपना धैर्य नहीं खोएं क्यों कि ये परेशानियां अधिक दिनों तक आपको पीडित नहीं करने वाली है।
आप ग्रहण काल में वि‍भिन्न प्रयोग कर सकते है-----
शीघ्र विवाह के लिये
--सन्तान प्राप्ति के लिये
--गृहक्लेश से छुटकारे के लिये
--अशुभ ग्रहो की शान्ति के लिये
--ऋण मुक्ति--कार्य क्षेत्र--व अन्य क्षेत्रो के लिये उपाय हमारे द्धारा बताये जायेगे

लेखक पं. राजेश शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र, मेरठ के अध्यक्ष हैं। उनसे संपर्क 09359109683 के जरिए किया जा सकता है।

1 comment:

Ravi said...

सूर्यग्रहण का ज्योतिषीय महत्व बहुत होता है|

चर्चा मे पढ़े- ॐ (ब्रह्मनाद) का महत्व