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12.7.09

बेहतर और टिकाऊ आजीविका के लिए उच्च शिक्षा बेहद जरूरी

शंकर जालान
शिक्षा आधुनिक जीवन में एक अहम हिस्सा है। इस युग में बगैर शिक्षा के हम विकसित नहीं कहला सकते। यह बात जितनी एक व्यक्ति पर लागू होती है उतनी ही यह सामूहिक रुप में देश व राष्ट्र के लिए। समय-समय पर विभिन्न संस्थाओं, संगठनों व समाजों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण पहल होती रहती है। इनके माध्यम से न केवल एक देश और राष्ट्र बल्कि पूरे विश्व व इसमें बसने वाली पूरी मानवजाति के विकास व कल्याण की प्राथमिकताएं तय की जाती है। इन्हीं में शामिल है द ग्लोबल सिविल सोसाइटी सीसीएलपी वर्ल्डवाइड का एजुकेशन चार्टर इंटरनेशनल यानी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा चार्टर।
संस्था की यह पहल एक वैश्विक (विश्व स्तरीय) आंदोलन है, जिसका मकसद २१वीं सदी के लिए एक टिकाऊ उच्च शिक्षा व्यवस्था को पुष्पित और पल्लवित करना है।
द ग्लोबल सिविल सोसाइटी सीसीएलपी वर्ल्डवाइड एक जागरुकता अभियान केंद्रित संगठन है। खास व महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस पहल को हजारों सदस्यों, स्वेच्छा सेवकों (स्वयं सेवकों), संगठनों, संस्थाओं, समाजों व युवाओं का समर्थन प्राप्त है। एजुकेशन चार्टर इंटरनेशनल का जन्म अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनेस्को की उस घोषणा से प्रेरित होकर हुआ जो इस संस्था ने २१वीं सदी के लिए घोषित की है। यह घोषणा संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कंपैक्ट एंड डिक्लेरेशन आफ हायर एजुकेशन फार सस्टनेबल बेटर लाइक्लीहुड के नाम से जानी जाती है। इसमें मूल दस सिद्धांतों या नीतियों को शामिल किया गया है।
द एजुकेशन चार्टर इंटरनेशनल को ११० देशों के ७०० शहरों व १२०० सरकारी, अंतर सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं व व्यक्तियों का समर्थन प्राप्त है। यह तथ्य जाहिर करता है कि संस्था की इस पहल की कितनी महत्ता व सार्थकता है। यहां यह बता देना लाजिमी है कि सीसीएलपी वर्ल्डवाइड संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कंपैक्ट का एक पंजीकृत (रजिरर्स्टड) हिस्सेदार है और साथ ही यह यूनाइटेड नेशनल ग्लोबल कंपैक्ट सोसाइटी आफ इंडिया की भी पूर्णकालिक या सक्रिय सदस्य है।
संस्था के इस अभियान में जिन प्रमुख लोगों ने पूरा समर्थम दिया है, उनमें श्री विक्रांत सिंह (भारत), डॉ. पाल रत्नायके (स्वीट्रलैंड), श्री होलादा जूनियर (ब्राजिल), श्री एंजेलो टारटूफोली (इटली), डॉ मधु कृष्णन (भारत) आदि उल्लेखनीय हैं। देखा जाए तो ये सारी हस्तियां इंटरनेशनल काउंसिल आफ सीसीएलपी वर्ल्डवाइड का प्रतिनिधित्व करती है।
सीसीएलपी वर्ल्डवाइड ने उच्च शिक्षा के लिए जो आचार व सिद्धांत प्रतिपादित किए हैं वे एक तरह से वैश्विवक रुप से देश की सरकारों, गैर सरकारी संगठनों, अर्ध सरकारी एजंसियों आदि को मदद करने की योग्यता रखते हैं। संस्था इस अहम पहल में व्यक्तियों, एनजीओ (गैर सरकारी संगठनों) व सरकारों को पूरा समर्थन देने और इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रेरित करती है।
हम यह जानते हैं कि किसी भी अभियान को सफल बनाने में पारितोषिक प्रक्रियाओं की भी अहम भागीदारी होती है। शायद इसीलिए सीसीएलपी वर्ल्डवाइड ने इसमें उल्लेखनीय योगदान देने वाले भागीदारों को ग्लोबल एवार्ड यानी वैश्विक पुरस्कार से नवाजने का फैसला किया है। यह सम्मान देने का मकसद उन व्यक्तियों, गैर सरकारी संस्थाओं को वह पहचान दिलाना है जो उनके लिए मददगार साबित होगी। बड़ी बात यह है कि न केवल पुरस्कार बल्कि भागीदारों को डिग्रियां भी प्रदान की जाएगी। शिक्षा विषयक इस पहल से मानवता को प्रतिस्थापित करने व नए नेतृत्व का निर्माण करने में मदद मिलेगी।

1 comment:

Aadarsh Rathore said...

क्या बात कर रहे हो सर
आजकल आजीविका के लिए शिक्षा की महत्ता ही क्या रह गई है? हां, उच्च शिक्षा जीवनोपयोगी ज़रूर है