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13.7.09

देश का सबसे बड़ा नेता कौन?

तीन - चार मित्र मेरे यहां चाय पर आए थें।मित्रों से मेरी मुलाकात काफी दिनों के बाद हुई थी। क्लास की बातें Start हुई,कैसे हम Coffee House में घंटो बैठ कर सपनों को संजोया करते थें।कोई Anchor तो कोई Reporter बनना चाहता था...मगर...आज चार दोस्तो में सुधांशु को छोड़ कोई भी मीडिया में नहीं हैं,जो मित्र मेरे यहां आए थे उनमें रविन्द्र,
राजेन्द्र,सुधांशु और आशुतोष थे।खैर दोस्तों के लिए दो शब्द...रविन्द्र चेन स्मोकर है....और किसी की बातों को पकड़ कर लपेटने लगता हैं...।राजेन्द्र अखबार का कीड़ा है बस अखबार मिलना चाहिए....। सुधांशु और आशुतोष जैसा देश वैसा वेश...।
हम Institute की बात कर ही रहें थे की अचानक टेबल पर रखी अखबार राजेन्द्र ने उठा ली और पढ़ने लगा,पढ़ते-पढ़ते उसने कहा अच्छा बता आज देश का सबसे बड़ा नेता कौन है?एक-एक कर के बताना...,रविन्द्र मे कहा सोनिया गांधी, मैने, सुधांशु...सब ने कहा सोनिया गांधी...तभी मेरी पत्नी चाय with नास्ता ले आई और कहा बातें होती रहेंगी पहले कुछ खा - पी लो। चाय पीते हुए मैने रविन्द्र से पुछा कैसे सोनिया गांधी सबसे बड़ी नेता है Clear कर...रविन्द्र ने कहा ,सुन मनमोहन सिंह का कितना बड़ा राजनीतिक विरासत है ये सब कोई जानता है मगर फिर भी दस साल प्रधानमंत्री की कुर्सी ..., किन्तु हुक्म सोनिया जी की चलती हैं।
राष्ट्रपति (प्रतिभा पाटिल) बनाने के लिए भी एक महिला को कांग्रेस आगे लाई सोनिया जी के कहने पर,यहां तक की दलित नेता मीरा कुमार को स्पीकर बनाने में भी सोनिया के कहने पर कांग्रेस ने उनका नाम रखा था जिसे कोई पार्टी टाल नहीं सकी।
सुधांशु ने कहा राष्ट्रपति और स्पीकर बनने में यें(सोनिया गांधी) बड़ी नेता कैसे हो गई।
रविन्द्र ने कहा तेरे हिसाब से भी तो सोनिया जी बड़ी नेता है तु बता कैसे...? सुधांशु तुम कभी डुबते नाव की सवारी करना पसंद नहीं करोगे...।जब ऐसा लगने लगा की कांग्रेस का अस्तित्व खत्म होने के कगार पर है तब काग्रेंस की बागडोर संभाल कर इस बुलंदी पर लाने वाली सोनिया गांधी ही हैं।इतना ही नहीं जब BJP और अन्य पार्टीयों ने विदेशी महिला का नारा जोर शोर से उठाया तो अचानक से एक सरदार को प्रधानमंत्री बना कर सब को सन करने वाली सोनिया गांधी ही थी।
इससे पहले की मैं कुछ कहता मेरी पत्नी खाने के लिए बोल गई साथ में हंसते हुए ये कह गई की यहां मेरा हुक्म चलता है ना की सोनिया गांधी का।मैनें कहा दोस्तो चल के खाना खा लो नहीं तो दुबारा आओगे तो चाय भी नसीब नहीं होगा और फिर बड़े मजे से हम सब हंसते हुए खाना खाने लगे...।
shyam sunder singh
www.bagiya.blogspot.com

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