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23.1.10

कुंभनगरी में शराबी पुलिस वालों का बोलबाला

हरिद्वार/देहरादून। एक तरफ प्रदेश सरकार कुंभ की सुरक्षा को लेकर चाक-चौबंद व्यवस्था किये जाने को लेकर आतुर है। वहीं चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती से सुरक्षा को भेद पाना बेहद मुश्किल लग रहा है लेकिन धर्म नगरी हरिद्वार में सुरक्षा व्यवस्था को भेदने में खुद पुलिसवाले ही अपनी महत्वपूर्ण भूमिका शराब के नशे में चूर होकर करने को तैयार बैठे हैं। वैसे तो कुंभ नगरी में शराब व मांस खाना पूरी तरह प्रतिबंधित है लेकिन इसके बाद भी इस प्रतिबंध को ठेंगा दिखाते हुए कुंभ नगरी के इलाके में पडने वाले कई थाने चौकियों में पुलिस के लोग शाम ढलते ही शराब के नशे में मदहोश होते हुए धर्मनगरी का मजाक उडाने में लगे हुए हैं। एक तरफ जहां कुंभ को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड धर्म नगरी में जुटनी शुरू हो गई हैं वहीं ऐसे पुलिसवाले जो नशे के आगोश में समाकर धर्मनगरी को कलंकित करने का प्रयास कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत न तो पुलिस के पास है और न ही मेला प्रशासन के हाथो में। ऐसे में कुंभ की सुरक्षा को लेकर किये जाने वाले दावों पर भी पूरी तरह बट्टा लगता दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं कुंभ में अस्थायी बनाये गये निर्माण स्थलों पर रोजाना शाम होते ही महफिलें सजनी शुरू हो जाती हैं। जो देर रात तक जारी रह रही हैं। कुंभ प्रशासन न तो शाम को ऐसे स्थलों पर चैकिंग अभियान चला रहा है और न ही वहां पर हर गतिविधि को देखा तक नहीं जा रहा। पुलिस के जवानों का नशे के आगोश में समा जाना कुंभ के शाही स्नानों पर पलीता न लगा डाले इसे लेकर यदि शीघ्र ही मेला प्रशासन द्वारा नकेल नहीं कसी गई तो इसके घातक परिणाम भी सामने आ सकते हैं। इतना ही नहीं रायवाला क्षेत्र से लेकर श्यामपुर क्षेत्र तक शराब की दुकानों से रोजाना हजारो की शराब कुंभ की धर्मनगरी में रहने वाले पुलिस के जवान गटकते हुए दखे जा सकते हैं जबकि इससे पूर्व देरहादून के रेलवे स्टेशन पर यात्रियों से शराब के नशे में चूर पुलिस के सिपाहियों को निलंबित किया जा चुका हैं। वहीं ऋषिकेश में भी दो पुलिसकर्मियों को शराब के नशे में ध्ुात रहने पर निलंबित किया गया है। लगातार शराब के प्रति पुलिसकर्मियों का बढता मोह कुंभ के मेले पर ग्रहण न लगा दे इसे लेकर यदि जल्द ही नकेल नहीं कसी गई तो यह पुलिस के लिए बडा सिरदर्द बन सकता है।

1 comment:

Sunita Sharma Khatri said...

आपने बिल्कुल ठीक लिखा जब धर्म नगरी कुम्भ नगरी में बाहर से आने वाले यह सब देखेगे तो जो श्रद्वा व भक्ति भाव लेकर श्रद्वालु व र्तीथयात्री यहां आते उससे उलट जब यहां के रक्षक ही ऎसा काम करेगे क्या सन्देश पंहुचेगा बाहर के लोगो तक ।