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26.2.10

माखनलाल नॉएडा में होली धमाल



माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रिय पत्रकारिता एंव संचार विश्विद्यालय के नोयड़ा परिसर में आज होली मनी, वैसे तो काफी छात्र अपने घर जा चुके है। लेकिन जो बचे थे उन्होंने आज होली का भरपूर आनंद लिया। सुबह क्लास लेने के बाद सभी छात्र कालेज से बाहर गये और फिर उसके बाद गुलाल से काफी देर तक होली खेली गई। जो छात्र परिसर परिसर से बाहर नहीं रहे थे उन्होनें जबरदस्ती बाहर लाया गया। फिर क्या था सभी ने एक दूसरे को गुलाल में रंग दिया। उसके बाद काफी समय से बच रहे सूरज सिंह यानि मुझे निशाने पर लिया गया। सभी लड़को और लड़कियों ने मुझे बाहर की ओर खीचा और मुझे पूरी तरह गुलाल में रंग दिया। तब मेरे अंदर सोया हुआ शैतान जाग गया। फिर क्या था, मैने पिन्नी ढूंढी और बाथरूम में जाकर उसमें पानी भरकर ले आया। मेरा सबसे पहला निशाना थी मानसी श्रीवास्तव पहले उसे भिगोया उसके बाद एक एक करके सभी लड़कियों को निशाना बनाया, ऐसे वक्त पर सभी लड़के मेरी तरफ हो गई और लड़कियों एक तरफ, उसके बाद जो दौर शुऱु हुआ वो काफी यादगार लम्हा बन गया। दोनो ग्रुप एक दूसरे को भिगोने के लिए तरह तरह के उपाय खोजने लगे। सभी ने एक दूसरे को काफी भिगोयाफिर क्या था, मैने पिन्नी ढूंढी और बाथरूम में जाकर उसमें पानी भरकर ले आया। मेरा सबसे पहला निशाना थी मानसी श्रीवास्तव पहले उसे भिगोया उसके बाद एक एक करके सभी लड़कियों को निशाना बनाया, ऐसे वक्त पर सभी लड़के मेरी तरफ हो गई और लड़कियों एक तरफ, उसके बाद जो दौर शुऱु हुआ वो काफी यादगार लम्हा बन गया। दोनो ग्रुप एक दूसरे को भिगोने के लिए तरह तरह के उपाय खोजने लगे। सभी ने एक दूसरे को काफी भिगोयाफिर क्या था, मैने पिन्नी ढूंढी और बाथरूम में जाकर उसमें पानी भरकर ले आया। मेरा सबसे पहला निशाना थी मानसी श्रीवास्तव पहले उसे भिगोया उसके बाद एक एक करके सभी लड़कियों को निशाना बनाया, ऐसे वक्त पर सभी लड़के मेरी तरफ हो गई और लड़कियों एक तरफ, उसके बाद जो दौर शुऱु हुआ वो काफी यादगार लम्हा बन गया। दोनो ग्रुप एक दूसरे को भिगोने के लिए तरह तरह के उपाय खोजने लगे। सभी ने एक दूसरे को काफी भिगोयाफिर क्या था, मैने पिन्नी ढूंढी और बाथरूम में जाकर उसमें पानी भरकर ले आया। मेरा सबसे पहला निशाना थी मानसी श्रीवास्तव पहले उसे भिगोया उसके बाद एक एक करके सभी लड़कियों को निशाना बनाया, ऐसे वक्त पर सभी लड़के मेरी तरफ हो गई और लड़कियों एक तरफ, उसके बाद जो दौर शुऱु हुआ वो काफी यादगार लम्हा बन गया। दोनो ग्रुप एक दूसरे को भिगोने के लिए तरह तरह के उपाय खोजने लगे। सभी ने एक दूसरे को काफी भिगोया। होली के कार्यक्रम में विजय ने सबको दुख पहुंचाया, हुआ ये कि सभी छात्रों ने विजय को भिगोने की योजना बनाई, लेकिन उसे ना जाने क्यों बुरा लगा, सभी को गालियां देना शुरू कर दिया, सभी उससे नाराज हो गये और उसका होली मिलन समारोह से बहिष्कार कर दिया। उसे अंत में अपनी गलती का अहसास हुआ, फिर उसने सभी से माफी मांगी। उसे माफ कर दिया गया। फिर सभी ने जमकर मौके का फायदा उठाया और खूब होली खेली सभी रंगो से एक दूसरे को रंगा, करीब 3 घंटे तक चले इस होली खेल में सभी ने काफी मजे किये। गुजियां भी खायी। इस मौके पर सूरज सिंह, विनय गौतम (पाठक जी), रिसी कुमार, विजय पसरिचा, यशपाल, प्रेम प्रकाश, गरिमा, मानसी श्रीवास्तव, रुचि, मोनिका, प्रिया गुप्ता, रंजन कुमार, राजेश शुक्ला, मानसिंह चौहान, धर्मेश कुमार, प्रगति शर्मा समेत कई बड़े होने वाले नाम शामिल थे।
जिन छात्रों ने इस मौके को खो दिया वो काफी दुखी होगें।
बहरहाल सभी को मेरी ओर से होली की ढेरों शुभकामनांए।।।।



सूरज सिंह

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