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30.4.10

क्रूरता की कोई पराकाष्ठा तो होगी

बचपन में आप ने भी सुना होगा। बड़े-बूढ़े अक्सर कहते सुने जाते हैं-सर्वेगुणा कांचनमाश्रयन्ती यानि सारे गुण कंचन में आश्रय ग्रहण करते हैं। जिसके पास धन-संपदा है, उसका समाज सम्मान करता है, उसे सभी बड़ी कुर्सी देते हैं, उसकी प्रशंसा होती है। जो लोग उससे कुछ पाना चाहते हैं, वे चारणों की तरह उसके आगे-पीछे डोलते हैं। यह बात तो पुराने जमाने से चली आ रही है परंतु धन का लोभ आदमी को कितना निर्मम बना देता है, यह आज के युग में दिखायी पड़ रहा है। आदमी धन के लिए क्या-क्या कर सकता है, आप कल्पना नहीं कर सकते। धन-संपत्ति के लिए किसी की भी हत्या कर देना मामूली बात हो गयी है, लोग अपने सगे-संबंधियों को भी नहीं छोड़ते हैं। परंतु जो काम उत्तर प्रदेश के सीआरपीएफ के कुछ सिपाही कर रहे थे, वह तो अत्यंत घृणास्पद है, अस्वीकार्य और शर्मनाक है।
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1 comment:

SANJEEV RANA said...

आपसे पूरण रूप से सहमत हूँ
ऐसे ही लिखते रहिये