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20.10.10

दिनांक 20 अक्टूबर, 2012 आज की सबसे बड़ी खबर

आप सब जानते हैं कि आज हिन्दुस्तान विश्व की सुप्रीम पावर है और विश्व के सारे हाई प्रोफाइल केसेज़ हिन्दुस्तान के न्यायालय ही देखते हैं। आज का दिन हिन्दुस्तान के लिए अति विशेष दिन है। आज का दिन विश्व के इतिहास में दर्ज हो चुका है। इसे सदियों तक पढ़ा जायेगा। आज अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश, विषैले ट्रांसफैट युक्त वनस्पति घी के आविष्कार करने के लिए पॉल सेबेटियर व विक्टर ग्रिगनार्ड और आमिर अजमल कसाव, जिनको डेढ़ दो साल पहले फांसी की सजा सुना दी गई थी, को हिन्दुस्तान के विशेष न्यायाधीश के सामने फांसी पर लटका दिया गया।

राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश

राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश पर कई संगीन इल्जाम थे।

• जार्ज बुश पर पहला दोष यह था कि उन्होंने ईराक पर रासायनिक बम बनाने का झूंठा इल्जाम लगाया, ईराक पर हमला किया, पूरा देश तबाह किया जिसमें लाखों आम नागरिक मारे गये, निर्दोष सद्दाम हुसैन पर मुकदमा चलाने का नाटक किया और फांसी लगाकर मार डाला। यह सारी नौटंकी ईराकीय तेल के भंडारों को हथियाने के लिए और सद्दाम हुसैन के साम्राज्य को तहस-नहस और मटियामेट करने के लिए की गई।

आपने देखा होगा ईराक में संयुक्त राष्ट्र संघ के पर्यवेक्षणों को कई बार भेजा गया, उनको भी ईराक में कोई रासायनिक हथियार नहीं मिले। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी ईराक पर कई तरह के प्रतिबन्ध लगाये। संयुक्त राष्ट्र संघ की रजामंदी से अमेरिका, ब्रिटेन और उनके मित्र राष्ट्रों ने मिलकर ईराक से युद्ध किया, ईराक को नेस्तनाभूत किया फिर भी पूरे ईराक में कोई रासायनिक हथियार नहीं मिले।


मेरा प्रश्न यह है कि जिस कारण को लेकर ईराक पर इतना बड़ा युद्ध थोपा गया, निर्दोष नागरिकों को कीड़े मकोड़ों की तरह मारा गया, जब ईराक में कोई रासायनिक बम नहीं मिला तो संयुक्त राष्ट्र संघ, ब्रिटेन और उनके मित्र राष्ट्रों ने क्यों नहीं अमेरिका के विरूद्ध कार्यवाही की और क्यों नहीं अमेरिका पर प्रतिबन्ध लगाये ??? इसका मतलब यह हुआ कि इन सबने मिलकर सोची समझी रणनीति के तहत ईराक के विरूद्ध कार्यवाही की और संयुक्त राष्ट्र संघ एक ऐसी संस्था है जिसे अमेरिका और ब्रिटेन कठपुतली तरह नचाते हैं और जो सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन के हितों के लिए काम करती है। यह युद्ध वास्तव में इसाइयों और मुसलमानों के बीच की लड़ाई थी।

• जार्ज बुश पर सीधे या परोक्ष रूप में दूसरे देशों में आतंकवाद फैलाने और आतंकवादियों को धन तथा हथियार मुहैया करवाने का भी आरोप लगाया।

• जार्ज बुश पर यह भी आरोप था कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली सारी आर्थिक और सैन्य सहायता सिर्फ हिन्दुस्तान के विरूद्ध आतंकवादी गतिविधियों को अन्जाम देने के लिए ही दी जाती है।

• जार्ज बुश पर यह इल्जाम भी था कि यह उभरते हुई विकासशील देशों को कमजोर बनाने हेतु कई तरह के षड़यंत्र रचता है, धमकाता है, उल्टे सीधे प्रतिबंध लगाता है या किसी अन्य देश द्वारा आतंक फैलाता है।

• जार्ज बुश पर गणतंत्र को शर्मसार करने का भी इल्जाम लगाया। न्यायाधीश ने अमरीका को सबसे बड़ा आतंकवादी देश घोषित किया।

• न्यायाधीश ने 12 दिसंबर, 2008 को ईराक में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईराकी पत्रकार मुंतजिर अल जैदी द्वारा बुश पर जूता फैकनें के लिए बड़ी प्रसंशा की और उस पत्रकार को बधाई दी।

• जार्ज बुश की सज़ा में यह प्रावधान था कि यह फांसी लगने तक वह बगदाद में मोची की तरह सड़क पर बैठ कर इराकियों के जूते पॉलिश करेगा ताकि भविष्य में कोई भी अमरीकी राष्ट्रपति कभी किसी दूसरे देश पर हमला करने या उनके आंतरिक मामलों में दखल देने से पहले हजार बार सोचे।

पॉल सेबेटियर व विक्टर ग्रिगनार्ड

पॉल सेबेटियर व विक्टर ग्रिगनार्ड पर इल्जाम था कि इन दोनों ने बहुराष्ट्रीय संस्थानों को भारी लाभ पहुंचाने की नियत से विषैले ट्रांसफैट युक्त वनस्पति घी, जिसे हाइड्रोजिनेटेड फैट, मार्जरीन, शोर्टनिंग या डालडा भी कहते हैं, का आविष्कार किया और बहुराष्ट्रीय संस्थानों से रिश्वत दिलवा कर नोबेल पुरस्कार भी हथिया लिया। इनके द्वारा बनाये हुए वनस्पति घी और उससे बने खाद्यपदार्थ खाने से करोड़ों अरबों लोग डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, आर्थ्राइटिस, डिप्रेशन, कैंसर आदि रोगों का शिकार बने और समय से पहले ही शमशान पहुंच गये। इस तरह ये करोंड़ो अरबों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार हैं।


चूंकि इन दोनों की मृत्यु हो चुकी है अतः न्यायाधीश महोदय ने कहा कि इनके पुतलों को फांसी दी जाये, इनकी संतानों से नोबल पुरस्कार वापस ले लिया जाये और वनस्पति घी बनाने वाली विश्व की सारी इकाइयों को नष्ट कर दिया जाये।

आमिर अजमल कसाव

आमिर अजमल कसाव पर इल्जाम था कि इसने पाकिस्तानी सरकार, आतंकवादी संगठन और आई एस आई द्वारा मुम्बई शहर को तबाह करने और आतंक फैलाने के लिए रचे गये आतंकवादी हमले को अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभाई और सैंकड़ों निर्दोष लोगों को ए के 47 की गोलियों से भून डाला। जेल में भी इसका बर्ताव अच्छा नहीं रहा। कैदियों से झगड़ा करना, वेब केमरे पर थूंकना जैसी हरामी हरकतें करना इसके लिए आम बात है। पाकिस्तानी कुत्तों से उम्मीद भी क्या की जा सकती है।  

कसाव की सजा में यह प्रावधान भी था कि फांसी लगने तक कसाव मुम्बई के एक ऐसे परिवार के साथ रहेगा जिसके एक से ज्यादा लोग आतंकवादी घटनाओं में मारे गये हों। कसाव को उस परिवार के सारे कार्य करने का, परिवार के लोगों की सेवा चाकरी करने का आदेश था। बिग बॉस की तर्ज पर इस परिवार के घर के हर कमरे में वीडियो कैमरा लगाने और कसाव द्वारा इस परिवार की सेवा चाकरी करने, उस परिवार की सारी पीड़ा और कष्ट दर्शाने वाले सारे दृश्यों का लाइव टेलीकास्ट करने का आदेश भी न्यायाधीश ने दिया। ताकि पाकिस्तान के सारे आतंकवादी ये दृश्य देखें और महसूस करें कि उनकी गोलियों से मरने वाले लोगों के परिवार वालों को कितनी पीड़ा और कष्ट होता है। न्यायाधीश ने पाकिस्तान के सारे नेताओं और आतंकवादी संगठनों के आकाओं को भी मुम्बई में आतंकवादी हमले की योजना बनाने के जुर्म में एक महीने के लिए दिल्ली की जामा मस्जिद के सामने फुटपाथ पर मोचियों की तरह बैठ कर लोगों के जूते पॉलिश करने की सजा सुनाई।

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