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22.3.11

...और उन्हें किसी पार्टी ने नहीं दिया टिकट

विधानसभा चुनाव-2011

शंकर जालान
अपने मुंह मिया मीठ्ठू यानि निजी प्रचार को महत्व देने वाले तृणमूल कांग्रेस के विधायक दिनेश बजाज को किसी पार्टी का टिकट नहीं मिल सका। बीते चुनाव में जोड़ासांकू विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर महज छह सौ से अधिक वोटों से जीतने वाले बजाज की पार्टी विरोधी और प्रचार लोभी नीति के कारण तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने इस बार उन्हें टिकट देना उचिच नहीं समझा। सूत्रों के मुताबिक बीते पांच साल के दौरान कई बार बजाज ने पार्टी के दिशा-निर्देश की अनदेखी करते हुए अपनी इच्च्छा, प्रचार, सुविधा और लाभ को ध्यान में रखते हुए काम किया। इसे से खफा ममता बनर्जी ने इस बार उन्हें टिकट से दूर रखा। सूत्रों ने बताया कि बजाज को यह पहले ही आभास हो चुका था कि उनकी करतूतों की जानकारी ममता बनर्जी को है, लिहाजा इस बार उन्हें तृणमूल कांग्रेस के टिकट से वंचित रहना पड़ा सकता है। इसलिए लिए उन्होंने टिकट मिलने से लालसा से वाममोर्चा और भाजपा से नजदीकियां बढ़ाई, लेकिन वाममोर्चा ने जोड़ासांकू से जानकी सिंह को उम्मीदवार बनाकर उनके (बजाज) के मंसूबों पर पानी फेर दिया। वहीं, भाजपा ने भी लगभग यहां से मीना देवी पुरोहित का नाम तय कर लिया है। हालांकि इस बाबत आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन भाजपा सूत्रों ने मुताबिक भाजपा ने जोड़ासांकू से मीनादेवी पुरोहित को उम्मीदवार बनाने के मन बना लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, विरोधी दलों से लगातार संपर्क में रहने और निजी प्रचार के उद्देश्य से लगाए गए बड़े-बड़े होर्डिंग की वजह से बजाज को टिकट नहीं मिल पाया। स्थानीय लोगों ने आश्चर्य जताते हुए बताया कि लोकप्रिय, जनप्रिय कहलाने वाले विधायक बजाज के समर्थन क्यों ने एक भी व्यक्ति या सगंठन आगे नहीं आया कि बजाज को टिकट मिलना चाहिए या ममता बनर्जी को वर्तमान विधायक को टिकट देना चाहिए। इसे से पता चल जाता है कि आखिरकार विधायक कितने लोकप्रिय थे?

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