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27.8.11

कविता प्रयास

0 मुझे मेरे प्रश्नों का
उत्तर नहीं चाहिए
मैं हर प्रश्न का हर उत्तर
जानता हूँ
तुम्हें तुम्हारा उत्तर
तलाशने के लिए
अपना प्रश्न तुमसे
सुनाता हूँ । (कविता)

0--- पहाड़ सी नदी
कहाँ पहाड़ सा जीवन
कहाँ नदी सी ज़िन्दगी
मज़ा तो यह कि नदी
हर पहाड़ से निकली
और समुद्र में समा गयी ।
तो समन्दर क्या है ?
एक पहाड़ सी नदी । 0 (कविता)

0 निश्चय ही थे
वे लोग बुद्घिमान
हम नहीं हैं । (हाइकु)

0 उछलकूद
ज़्यादा न करो जो भी
नाटक करो । (हाइकु)

0 कुछ काम हो
काम पर ध्यान हो
व्यक्ति मज़े में । (हाइकु)

0 बड़ा नहीं तो
बड़ा सा तो है वह
यह काफी है । (हाइकु)

0 न कोई माप
न कोई मापदंड
जीवन यात्रा ।(हाइकु)

0 चाहे जितना
पर्दा कर ले नारी
बचेगी नहीं । (हाइकु)

0 जानता नहीं
तकलीफें सहना
अब आदमी । (हाइकु)

0 शायर होंगे
शायर मायने क्या
शेर तो नहीं । (हाइकु)

0 फ़िज़ूल पैसा
खूब तो कराता है
तीर्थयात्राएँ । (हाइकु)

0 पता चलेगा
शादी हो तो जाने दो
फिर देखेंगे । (हाइकु)

0 हर आदमी
संत हो हर व्यक्ति
भक्त हो जाए । (हाइकु)

0 कष्ट के लिए
खेद है क्षमा करो
रास्ता खराब । (हाइकु)

0 पाखंड है कि
कम होने का नाम
ही नहीं लेता । (हाइकु)

0 मूर्ख हैं आप
मूर्ख ही हैं हम भी
एक समान । (हाइकु)

0 झगड़ा करें
तो किससे किससे
कितना करें । (हाइकु)

०(गीत शुरू )
*प्रेम करता हूँ मैं तुमसे , जब कहा था तब कहा था ,
अब न फिर ऐसा कहूंगा , कान मैं अपने पकड़ता । #

*ज़िन्दगी की सज़ा एक मुझको मिली ,
ज़िन्दगी भर सजाते रहे ज़िन्दगी । #

*वह भी नेता जैसा ही है , बस थोड़ा रंगीन ,
कवि का ड्रेस पाजामा कुर्ता ,बस थोड़ा रंगीन । #

*तू तो कहता ,कुछ न होता , तेरी मर्जी के बगैर ,
कैसे खडका एक पत्ता , तेरी मर्जी के बगैर ? #

*तुम्हारा पत्र आया , पैर ने धरती छोड़े ,
तुम आ जाओ तो बन्दा ये दुनिया छोड़ दे । #

*भगवान् अपनी जगह सच ,
आदमी अपनी जगह सच । #

* दकियानूसी देश , उनको कहाँ पता ?
अमरीकी परिवेश ,उनको कहाँ पता ? #

*कहीं कुछ भी अगर छिपा न रहे ,
ज़िन्दगी में कोई मज़ा न रहे । #
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नैतिक बल , L-V-L/185 , Aliganj lucknow -226024(U.P.) , mob- 9415160913 , Email-priyasampadak@gmail.com, (उग्रनाथ नागरिक १९४६) रिटा. इंजीनियर , कवि-लेखक .

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