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14.4.12

मामेकं शरणं ब्रज - गीता


यह सन्देश हिन्दुओं के लिए विशेष रूप से है ।
गीता में ज्ञान प्राप्त करना एवं शिक्षण वर्णाश्रम धर्म सम्मत मेरा कार्य है ।
शक्तियाँ अनेक दिखाई पड़ते हुए भी वास्तव में एक हैं एवं वह एक परमसत्ता ब्रह्म स्वरूपिणी है ।
सच्चा गुरु वही है जो उस सत्ता की ओर चलने का निर्देश दे ।
अन्य सभी देवी -देवता वस्तुतः उस परम सत्ता की ही सेवा में हैं या उसी के अन्य रूप हैं ।
जो उस सत्ता की उपेक्षा करके अन्यों की सेवा करता है उसके पुण्य कर्मों को वह सत्ता नष्ट कर देती है ।
जिनका पुण्य नष्ट हो गया , उनका स्थान कहाँ होता है यह तो आप जानते ही हैं ।
अतः किसी बाबा के अनुयायी बनानेवालों को इन बातों का ध्यान भी रखना चाहिए ।
उस ब्रह्म स्वरूपिणी परमसत्ता की जय ।

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