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9.4.12

plitical dairy of seoni disst. of M.P.

जब पत्थर को ही सनम मान कर दिल लगा लें तो उसके टूटने या गुम होने की खबर अखबारों की सुर्खी तो बन ही जाती है

केवलारी विस के इंका विधायक हरवंश सिंह ने जिला कलेक्टर से मांग की थी कि किसानों की गेहूं की फसल और गर्मी में आगजनी की घटनाओं की संभावना को देखते हुये क्षेत्र में फायर ब्रिगेड उपलब्ध करायी जाये। इस पर जिला कलेक्टर ने बरघाट नपा की फायर ब्रिगेड अधिगृहीत कर पलारी क्षेत्र भजने के निर्देश जारी किये थे। जिला भाजपा की महामंत्री एवं जिला पंचायत की वरिष्ठतम सदस्य श्रीमती गोती ठाकुर ने इसका विरोध किया। जिले की लखनादौन नगर पंचायत के चुनावों की हलचल दिखने लगी हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस चुनाव में प्रत्याशी चयन की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी जो कि अपना निर्णायक रोल अदा करेगी। लेकिन इतना तो तय है कि इस चुनाव में रोचक त्रि कोणीय संघर्ष होगा जो कि आगामी विधानसभा चुनाव के हिसाब से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा। दुगनी लागत से बनी शहर की सबसे घटिया सड़कों में से एक सड़क का पिछले दिनों समारोह पूर्वक शिलान्यास किया गया। एस.पी. बंगले से राकेश पाल पेट्रोल पंप तक बनने वाली सात सौ मीटर की यह डामर सड़क 49 लाख रु. की लागत से बनेगी। वैसे तो पत्थर का कोंई मान या अपमान नहीं होता लेकिन जब पत्थर को ही सनम मान कर दिल लगा लें तो पत्थर के सनम की कीमत तो बढ़ ही जाती है और फिर जब ऐसे पत्थर को तोड़ दिया जाये या पत्थर का सनम ही कहीं गुम हो जाये तो चर्चा होना तो स्वभाविक ही होता हैं।

फायर ब्रिगेड के साथ ही क्षेत्र में ओले भी पहुंचे-केवलारी विस के इंका विधायक हरवंश सिंह ने जिला कलेक्टर से मांग की थी कि किसानों की गेहूं की फसल और गर्मी में आगजनी की घटनाओं की संभावना को देखते हुये क्षेत्र में फायर ब्रिगेड उपलब्ध करायी जाये। इस पर जिला कलेक्टर ने बरघाट नपा की फायर ब्रिगेड अधिगृहीत कर पलारी क्षेत्र भजने के निर्देश जारी किये थे। जैसे ही ये निर्देश लागों की जानकारी में आये वैसे ही क्षेत्र में विरोध के स्वर उठने लगे। जिला भाजपा की महामंत्री एवं जिला पंचायत की वरिष्ठतम सदस्य श्रीमती गोती ठाकुर ने इसका विरोध किया और कहा कि क्षेत्र में धान की फसल का पेरा जैसी ज्वलनशील वस्तु रहती हैं जिसमें भी आग लगने की संभावना रहती हैं। यहां की फायर ब्रिगेड जाने से असुविधा होगी। आपने यह सुझाव भी दे डाला था कि जैसे केवलारी विधायक हरवंश सिंह और सांसद बसोरी सिंह ने केवलारी क्षेत्र में पानी के टेंकर वितरित किये हैं वैसे ही क्षेत्र के लिये फायर ब्रिगेड भी विधायक सांसद निधि से दे दे। लेकिन इन आपत्तियों को दर किनार कर बरघाट नगर पंचायत की फायर ब्रिगेड पलारी भेज दी गयी। बाद में यह भी खुलासा किया गया कि रोटेशन में सिवनी और लखनादौन की फायर ब्रिगेड भी अधिगृहीत कर भेजी जायेंगी और वर्षाकाल तक इस क्षेत्र में यह सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं कि जिले की वरिष्ठ इंका नेत्री कु. विमला वर्मा ने अपने केवलारी क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा मिट्ठी का सबसे बड़ा भीमगढ़ बांध जबसे बनवाया हैं तबसे यह क्षेत्र जिले का पंजाब माने जाने लगा हैं। इस क्षेत्र के किसान इतने अधिक समृद्ध हो गयें हैं कि पूरी तरह से मशीनी खेती कर रहें हैं। ऐसे में क्षेत्र के किसानों की फसलों की अग्नि से सुरक्षा की चिंता करना स्वभाविक ही हैं। अब इसे एक संयोग कहें या लोगों की आह लेकिन इधर फायर ब्रिगेड रवाना हुयी और उधर पलारी क्षेत्र में हुयी भारी ओला वृष्टि ने किसानों की खड़ी फसल को तबाह करके रख दिया। डर के मारे लोगों ने रात दिन भिड़ कर गेहूं की फसल काट डाली और यह भी नहीं देखा कि अभी फसल थोड़ी बहुत हरी हैं या नहीं?

लखनादौन में बिछने लगी चुनावी बिसात-जिले की लखनादौन नगर पंचायत के चुनावों की हलचल दिखने लगी हैं। उल्लेखनीय है कि कोर्ट के निर्णय के कारण पालिका चुनावों के साथ यहां चुनाव नही हो पाये थे। लेकिन फैसला आने के बाद अब चुनाव का रास्ता साफ हो गया हैं और संभवतः जून के महीने में चुनाव होंगें। यह विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं कि आरक्षण का कार्य पहले ही हो चुका था जिसके तहत नगर पंचायत के अध्यक्ष का पद पिछड़े वर्ग की मिहला के लिये आरक्षित हुआ था। जिले में इंका और भाजपा तो परंपरागत रूप से स्थापित पार्टियां हैं ही लेकिन इस नगर पंचायत में पूर्व अध्यक्ष और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सिवनी विस से चुनाव लड़कर दूसरे नंबंर पर रहने वाले दिनेश मुनमुन राय दोनों के लिये ही चुनौती बन कर सामने आ रहें हैं। विश्लेषकों का ऐसा मानना है कि वे इस बार अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतार सकतें हैं। ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने अपने परंपरागत तरीके इसकी तैयारियां भी प्रारंभ कर दी हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मशहूर गायिका अनुराधा पोड़वाल का जंगी कार्यक्रम भी लखनादौन में आयोजित हो चुका हैं। जिला भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन ने भी प्रारंभिक तैयारियों के रूप में नगर के सभी पंद्रह वार्डों में पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिये हैं जिसमें भाजपा के भारी भरकम नेताओं के नाम भी शामिल हैं। ऐसी संभावना है कि जल्दी ही प्रदेश इंकाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का दौरा भी लखनादौन में होने वाला है। जिला इंकाध्यक्ष हीरा आसवानी उनसे सतत संपर्क में हैं और शायद इसके बाद ही कांग्रेस भी इस चुनाव के लिये अपनी बिसात बिछाना प्रारंभ करेगी। राजनैतिक विश्लेषकों का ऐसा मानना है कि इस चुनाव में प्रत्याशी चयन की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी जो कि अपना निर्णायक रोल अदा करेगी। लेकिन इतना तो तय है कि इस चुनाव में रोचक त्रि कोणीय संघर्ष होगा जो कि आगामी विधानसभा चुनाव के हिसाब से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा।

पत्थर के सनम की चर्चा रही सुर्खियों में-दुगनी लागत से बनी शहर की सबसे घटिया सड़कों में से एक सड़क का पिछले दिनों समारोह पूर्वक शिलान्यास किया गया। एस.पी. बंगले से राकेश पाल पेट्रोल पंप तक बनने वाली सात सौ मीटर की यह डामर सड़क 49 लाख रु. की लागत से बनेगी। इस समारेह के बांटे गये निमंत्रण पत्रों में प्रदेश सरकार के मत्रीद्वय अजय विश्नोई और नाना भाऊ के साथ ही सांसद के.डी. देशमुख, विधायक नीता पटेरिया,मविप्रा के अध्यक्ष नरेश दिवाकर, नपा अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी एवं जिला भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन के नाम अतिथियों के रूप में छापे गये थे। लेकिन समारोह के तुरंत बाद शिलान्यास का पत्थर अखबारों की सुर्खियां बन गया। कहीं यह छपा कि यह पत्थर तोड़ दिया गया तो कहीं यह प्रकाशित हुआ कि पत्थर गायब हो गया। अखबारों में यह भी छपा कि लिा भाजयुमो के अध्यक्ष ठा. नवनीत सिंह ने यह स्वीकार किया कि हां यह पत्थर तोड़ दिया गया क्योंकि इसमें जिला भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन का नाम नहीं लिखा गया था। लेकिन फिर भाजपाप के स्थापना दिवस दिवस के अवसर पर नवनीत सिंह ने इसका खंड़न कर दिया कि उन्होंने पत्थर तोड़ने की बात कही ही नहीं थी। अब इस बात का खुलासा होना भी संभव नहीं हैं क्योंकि सड़क बनाने वाली ऐजेंसी पी.डब्ल्यू.डी. ने ना तो पत्थ्र गुमने की और ना पत्थर तोड़े जाने की कोई रिपोर्ट ही दर्ज नहीं करायी हैं। इसलिये अब ना तो इसकी तफशीश होगी और ना ही कुछ पता चलेगा। अब इसका खुलासा तो तब ही होगा जब इस सड़क ाक लोर्कापण होगा और तब लोगों को दोनों पत्थर जब देखने को मिलेंगें तो इसका खुलासा हो जायेगा। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं कि पहले इस सउ़क के घटिया बनने और अब फिर दोबारा बनने के केन्द्र बिन्दु मविप्रा के अध्यक्ष नरेश दिवाकर ही रहें हैं। इसको बनाने के लिये नरेश जी ने प्राधिकरण से ना केवल 39 लाख रु. दियेवरन राशि कम पड़ने पर सांसद से भी दस लाख रु. दिलाये जिसकी बाकयदा विज्ञप्तियां भी प्रकाशित हुयीं। नगर पालिका के बजाया ऐजेन्सी भी नरेश जी ने ही गुणवत्ता बनाये रखने के लिये पी.डब्ल्यू.डी. को बनाया था। भूमि पूजन का कार्यक्रम भी ऐजेन्सी ने आयोजित किया था। सुजीत जी भी डी.एन. के ग्रुप के माने जाते हैं। फिर आखिर ऐसा क्या हो गया जो पत्थर से जिला भाजपा के अध्यक्ष का नाम ही गोल हो गया। वैसे तो पत्थर का कोंई मान या अपमान नहीं होता लेकिन जब पत्थर को ही सनम मान कर दिल लगा लें तो पत्थर के सनम की कीमत तो बढ़ ही जाती है और फिर जब ऐसे पत्थर को तोड़ दिया जाये या पत्थर का सनम ही कहीं गुम हो जाये तो चर्चा होना तो स्वभाविक ही होता हैं।

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