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15.5.12

भाजपा की रणनीति या फिक्सिंग??


४ राज्यों में पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा समर्थकों को उम्मीद थी कि भाजपा अपने स्टार प्रचारको श्री नरेंद्र मोदी, वरुण गाँधी और योगी आदित्यनाथ को बड़े पैमाने पर चुनाव प्रचार के लिए उतारेगी, क्योंकि भ्रष्टाचार के खिलाफ जो माहौल कांग्रेस सरकार के खिलाफ देश में बना हुआ था, उसका फायदा उठाने के लिए इन लोगों का प्रचार करना भाजपा के लिए बहुत फायदेमंद होता.
लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ यहाँ तक कि योगी आदित्यनाथ जी और वरुण गाँधी की अपने क्षेत्र की सभाओं को छोड़ दें तो इन नेताओं का प्रयोग भाजपा ने व्यापक स्तर पर कहीं नहीं किया, और मोदी जी जिनमे हर भारतीय भावी प्रधानमंत्री की झलक देख रहा है उन्होंने इन चुनावों में प्रचार ही नहीं किया.
आज भी जब लोकसभा के महत्वपूर्ण चुनाव २०१४ में होने हैं और रणनीति के लिहाज से इनमे ज्यादा समय नहीं बचा है, भाजपा द्वारा अपने सबसे लोकप्रिय नेता और देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नरेंदर मोदी जी को भावी प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने की कोई योजना नहीं दिख रही.
इस स्थिति को देखकर भारतीय क्रिकेट टीम का ध्यान आ जाता है, जहाँ मैच के दौरान भारत विकट स्थिति में फंसा हुआ है, विरोधी पक्ष की जोड़ी बैटिंग कर रही है और भारत का कोई भी बालर विपक्षी जोड़ी को आउट नहीं कर पा रहा है. पूरा देश चाहता है कि कप्तान धोनी अब हरभजन सिंह को बाल डालने का मौका दें पर अचानक धोनी विनय कुमार के हाथ में बाल दे देते हैं...........सभी दर्शक स्तब्ध रह जाते हैं......
अब इस मैच में आगे क्या होता है......या तो ये धोनी की "रणनीति" थी जिससे विपक्षी टीम को हैरान करके खिलाडी को आउट किया जा सके और भारत उस मैच को जीत जाए या ये "मैच-फिक्सिंग" भी हो सकती थी और योजना के तहत विपक्षी टीम इस कमजोर स्थिति का फायदा उठा कर इस मैच को जीत जाती....इस मैच में जो भी होता लेकिन कमोबेश यही स्थिति इस समय भाजपा की है, जहाँ सारा देश चाहता है मोदी जी को भावी प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया जाये पर भाजपा नेतृत्व अभी तक इस ओर कोई प्रयास करता नहीं दिख रहा.
अब सोचने वाली बात ये है कि केंद्रीय नेतृत्व द्वारा ये सब "रणनीति" के तहत किया जा रहा है, जिसका दूरगामी फायदा उठाया जा सके या फिर "फिक्सिंग" करके विपक्षी टीम को जिताने के लिए मोदी जी को केंद्र की राजनीती से दूर रखा जा रहा है??

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