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24.11.12

हो-हा मन्त्र !


हो-हा मन्त्र !

हो-हा करना सिर्फ मूर्खो की ठेकेदारी नहीं है इसके बेहतरीन फायदे देख अच्छे  भले लोग भी
हो-हा करते नजर आ रहे हैं।इस देश में हो-हा मन्त्र से गरीब को नुकसान होता है क्योंकि
यह मन्त्र सिर्फ इस बेचारे की कुंडली में ही नीच घर में बैठा होता है।हो-हा करने से कई बड़ी
गलतियों के कुफल से मुक्ति मिल जाती है।यह मन्त्र अकेले में कम प्रभावशाली मगर
सामूहिक रूप से जपने पर तुरन्त मोटा प्रभाव छोड़ता है। इस मन्त्र का प्रथम अक्षर दम
लगाकर लम्बे श्वास से बोला जाता है।सामूहिक जाप में इसे एक लय में नहीं गाया जाता
है। समूह के लोग जो इसका तुरंत प्रभाव चाहते हैं इसे एक के बाद एक क्षण दौ क्षण के बाद
जोर से चिल्ला कर बोले। 

     हो-हा करने के कई फायदे हैं-

     1.अगर आवश्यक या प्राथमिक काम पूरा नहीं हुआ है या शुरू ही नहीं किया है और उस की
        जाँच होनी हो तो हो-हा करके बचा जा सकता है।

     2.अगर  कोई जबाबदारी थी और उसे निभाया नहीं गया हो तो हो-हा करके बचा जा सकता
        है।

     3. ऐसा  काम जिसके करने से लुच्चई को फंदा लगता हो और बिना लुच्चई के काम नहीं
         चल सकता हो तो हो-हा करना एक वैकल्पिक जरुरत बन जाता है।

      4. अगर झूठ की पोल खुलती हो और उससे झूठ के साबित हो जाने की प्रबल सम्भावना
          हो तो हो-हा का प्रयोग किया जा सकता है।

      5.तेजाबी सत्य जो व्यक्तित्व को नंगा करने पर तुला हो और तथाकथित आबरू नीलाम
          होने की कगार पर हो तो हो-हा करना ही अंतिम ब्रह्मास्त्र होता है।

      6. पुराने इल्जाम और पाप का घड़ा फूटने ही वाला हो तो हो-हा सिरप की तरह काम करता
          है।हो-हा के बीच पाप का घड़ा फूट भी जाए तो आवाज ही नहीं आती है।

      7. हो-हा आसुरी मन्त्र है जिसे असुर और नकली सभ्य समान रूप से जप सकते हैं।यह मन्त्र
          कारगर यानि अनुभूत सिद्ध है जिसका प्रयोग आये दिन (अ)पथ-प्रदर्शक करते रहते हैं।

      8. स्कुल,कॉलेज,सभा,खेल,राजनीती सब जगह, हो-हा प्रभावी उपाय के रूप में काम करता
           है।यदि पढ़ना नहीं है तो हो-हा मचाये , मूल मुद्दे से सभा को भटकाना हो तो हो-हा कीजिये
           कोई बढ़िया या घटिया काम जिसे नहीं होने देना या होने देना है तो हो-हा कीजिये।

      9. हो-हा मन्त्र का उपयोग बच्चे,किशोर,युवा,अधेड़,बुजुर्ग,स्त्री,पुरुष,नपुंसक सभी समान रूप
          से कर सकते हैं।

    10. हो-हा मन्त्र से अखाद्य वस्तुएँ आसानी से व्यावहारिक तरीके से हजम हो जाती है।तेज
          चीख-पुकार में देशी- डालडा सब स्वाहा हो जाता है।

   11. धोखा,विश्वासघात,धूर्तता,छल,ठगी आदि कार्य में इस महामंत्र का सामूहिक जाप कुछ
         मिनिट तक किया जाए तो तुरंत सफलता मिलती है।

   12. चोर,मक्कार,लुटेरे,कर्तव्य विमूढ़,ढ़ोंगी,द्रोही हो-हा मन्त्र का खूब इस्तेमाल करते हैं और
        यह प्रभावी मन्त्र मन चाहा फल भी तुरन्त दे देता है।          

2 comments:

Dr Om Prakash Pandey said...

'ho ha' par achchhee pakad hai .

Unknown said...

aabhar shrimaan pandeyji.