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15.3.13

अप्रेल में होगा आतंकी हमला..!


पाकिस्तानी संसद के निचले सदन में भारतीय संसद पर हमले के आरोपी अफजल की फांसी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया जाता है तो भारत के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे लोकसभा में आतंकवाद पर छपे छपाए बयान को पढ़कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। यहां तक तो ठीक था लेकिन शिंदे साहब लोकसभा में उसी बयान को दोबारा से पढ़ देते हैं जिसे वे सुबह के वक्त पढ़ चुके थे। शिंदे साहब ने यहां अपना दिमाग लगाने की भी जरूरत नहीं समझी और टोका टोकी के बीच पूरे मन से बयान पढ़ते रहे।(पढ़ें- आतंकवादः शिंदे ने फिर किया सरकार को शर्मिंदा)
शिंदे साहब पर गृह मंत्रालय के काम का तो कम उनकी उम्र का लगता है कुछ ज्यादा ही असर है इसलिए वे जब से गृहमंत्री बनाए गए हैं तब से काम को लेकर तो कम अपनी गलतियों को लेकर ही ज्यादा चर्चा में हैं। खैर छोड़िए शिंदे साहब से देश को इससे ज्यादा कुछ उम्मीद भी नहीं है..!
बात पाकिस्तान के अफजल कनेक्शन की हो रही थी...पाकिस्तानी संसद ने अफजल की फांसी को गलत ठहराते हुए न सिर्फ निंदा प्रस्ताव पास किया है बल्कि अफजल के परिजनों को उसका शव सौंपने तक की मांग की है। पाकिस्तान भी गजब है वहां की सरकार के नुमाइंदों को आतंकवाद की आग में झुलस रहा अपना देश नहीं दिखाई देता...उन्हें चिंता है तो कश्मीर की..! (पढ़ें- अफजल को फांसी देना गलतः पाक संसद)।
अफजल की फांसी पर पाकिस्तानी संसद में निंदा प्रस्ताव से एक बात तो कम से कम साफ ही होती है और वह है अफजल का पाकिस्तान कनेक्शन..!
दुर्भाग्य देखिए जम्मू कश्मीर में निर्वाचित सरकार के मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला को भी पाकिस्तान की भांति अफजल की फांसी का उतना ही दुख है जितना की पाकिस्तान को..! (जरूर पढ़ें- फिर से- पाकिस्तान की तो..!)।
इससे भी बड़ा दुर्भाग्य तो ये है कि इस सब के बाद भी कांग्रेसनीत केन्द्र सरकार के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है। आतंकवाद पर सरकार का लचर रवैया देश के दुश्मनों का हौसला ही बढ़ाता है और नतीजा 2013 के तीनों महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च में हम भारतीय सैनिकों का सिर कलम होने की घटना, हैदराबाद धमाके और श्रीनगर में सीआरपीएफ कैंप पर आत्मघाती हमले के रुप में देख ही चुके हैं। आतंकवादियों के बुलंद हौसलों पर सरकार की चुप्पी को देखकर डर लगता है कि जाने अप्रेल में क्या होगा..? (पढ़ें- लाठी लेकर अलर्ट रहो..!)।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कुछ बोलते नहीं, एक और गृहमंत्री शिवराज पाटिल का नाम याद आ रहा है जिन्हें बुढ़ापे में भी दिन में चार चार बार कपड़े बदलने से फुर्सत नहीं मिलती थी और एक गृहमंत्री हैं सुशील कुमार शिंदे जो सबसे कम समय में सबसे ज्यादा चर्चित गृहमंत्री का खिताब पा चुके हैं एक के बाद एक गलतियां करके..!
प्रधानमंत्री जी और गृहमंत्री जी आप दोनों से ही दरख्वास्त है देशवासियों की मेहनत की कमाई तो आपकी सरकार ने भ्रष्टाचार और घोटालों के हेलिकॉप्टर में उड़ा दी..! कम से कम देश को तो बचा लो वर्ना हैदराबाद जैसे धमाके होते रहेंगे...श्रीनगर जैसे आत्मघाती हमले होते रहेंगे और निर्दोष देशवासियों के साथ ही हमारे जांबाज जवान शहीद होते रहेंगे..! लेकिन लगता है आपको तब तक फर्क नहीं पड़ेगा जब तक इन धमाकों और आत्मघाती हमलों की आंच आपके अपने घर परिवार तक नहीं पहुंचेगी..! (जरूर पढ़ें- आम आदमी जाए भाड़ में..!)।

deepaktiwari555@gmail.com

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