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31.7.13

क्या जिला भाजपा में होगा नेतृत्व परिवर्तन?
क्या सुजीत या वेदसिंह ठाकुर होगें जिला भाजपा के नये अध्यक्ष
सिवनी। क्या जिला भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन होने वाला है? यदि ऐसा हुआ तो किसके हाथ में आयेगी कमान?ये सवाल इन दिनों जिले के राजनैतिक क्षेत्रों में चर्चित है।
विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर जहां एक ओर सभी राजनैतिक दल अपने अपने प्रत्याशी चयन और चुनावी बिसात बिछाने में लगे हुये हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा में जिले में नेतृत्व परिर्वतन की खबरें चल रहीं हैं। नेतृत्व परिर्वतन की बात करने वाले नेता इस आधार पर यह बात कर रहें हैं कि इसीलिये भाजपा जिले में अभी तक प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं कर रही है। जबकि कांग्रेस के एक राष्ट्रीय और एक प्रादेशिक पर्यवेक्षक जिले की चारों विधानसभा सीटों का दौरा कर प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया को चालू कर चुके हैं। 
वर्तमान में जिला भाजपा की कमान सिवनी के पूर्व विधायक एवं महाकौशल विकास प्राधिकरण के कबीना मंत्री का दर्जा प्राप्त कद्दावर भाजपा नेता के हाथों में हैं। फिर आखिर ऐसे क्या कारण है कि चुनाव के चंद महीनों पहले प्रदेश का भाजपा नेतृत्व जिले में नेतृत्व परिवर्तन की सोच रहा है।
यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि भाजपा के संगठन चुनाव के दौरान तत्कालीन अध्यक्ष सुजीत जैन की दोबारा ताजपोशी लगभग तय मानी जा रही थी। लेकिन उस वक्त नरेश दिवाकर ने अपने ही समर्थक सुजीत जैन के बजाय वरिष्ठ महिला नेत्री एवं लगातार चार बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने वाली गोमती ठाकुर का नाम आगे कर दिया था। लेकिन काल चक्र कुछ ऐसा घूमा कि नरेश भले ही सुजीत को रोकने में तो सफल हो गये पर गोमती ठाकुर के बजाय उन्हें खुद ही जिला भाजपा अध्यक्ष बनना पड़ा।
यह बात भी एक ओपन सीक्रेट है कि सिवनी से दो बार विधायक रहे नरेश दिवाकर अपनी टिकिट कटने का दंश भूल नहीं पाये थे और मविप्रा का अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने ताबड़ तोड़ सिवनी विस क्षेत्र के दौरे भी चालू कर दिये थे। भाजपा विधायक श्रीमती नीता पटेरिया और नरेश दिवाकर के इसी कारण मनमुटाव समय समय पर जगजाहिर होते रहें हैं। अभी नरेश दिवाकर इस बात के लिये जी तोड़ मेहनत कर रहें कि आगामी चुनाव में भाजपा से उन्हें ही विस की टिकिट मिले।
राजनैतिक विश्लेषकों का दावा है कि इसी कारण प्रदेश भाजपा का नेतृत्व जिले में परिवर्तन के बारे में विचार कर रहा हैं। प्रदेश के नेताओं का ऐसा मानना है कि प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया ऐसे हालात में चालू करना उचित नहीं हैं जब जिले का अध्यक्ष स्वयं ही टिकिट का दावेदार हो।
भाजपायी हल्कों में चल रही चर्चाओं के अनुसार नरेश दिवाकर ने अध्यक्ष पद के लिये उन्हीं सुजीत जैन का नाम आगे बढ़ा दिया है जिसे उन्होंने ही दूसरी पारी नहीं खेलने दी थी। जिला भाजपा अध्यक्ष पद के लिये दूसरे सबसे ताकतवर दावेदार के रूप में दो बार जिलाध्यक्ष रह चुके वरिष्ठ नेता वेदसिंह ठाकुर का नाम सामने आया हैं। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि इन दिनों भाजपा में कार्यकर्त्ताओं का एक खेमा लगातार बैठकें करके ब्राम्हण और जैन ेनताओं को भाजपा में मिल रहे अत्यधिक महत्व को लेकर उनके विरोध में लामबंद हो रहा है और प्रदेश नेतृत्व से यह मांग कर रहा है अन्य वर्ग के नेताओं को भी महत्व मिलना आवयक है अन्यथा उनमें उभर रहा असंतोष भाजपा के लिये नुकसानदायक होगा।
ऐसे हालात में प्रदेश भाजपा नेतृत्व जिले में नेतृत्व परिवर्तन करेगा या नही? और करेगा तो कमान किसे देगा? और नरेश दिवाकर सिवनी विस क्षेत्र से टिकिट ला पायेंगें या नहीं? यह सब कुछ तो फिलहाल भविष्य के गर्त में छिपा हुआ है?
सा. दर्पण झूठ बोले, सिवनी से साभार   

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