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14.4.14

आँसू । (गीत)


आँसू । (गीत)


जा, समंदर को,  लहूलुहान कर  दे ।
आँसूओं से  गहरी, पहचान कर  ले ।

( समंदर = दुनिया )

 
अन्तरा-१.

 
तन्हा है  लम्हा, गुमशुदा  है  दिल..!
चप्पे - चप्पे,  इक  दरबान  धर  दे ।
जा, समंदर को  लहूलुहान कर  दे ।

गुमशुदा = लापता ।

 
अन्तरा.-२

 
रुके,  ना   थमे,  यही  तो  वक्त  है..!
दम है  तो, उस पर निशान कर ले ।
जा, समंदर को लहूलुहान कर  दे ।


अन्तरा-३.

हँसी, न  खुशी, ग़मज़दा है  सांसें..!
बच्चों के  नाम,  मुस्कान  कर  दे ।
जा, समंदर को लहूलुहान कर  दे ।

ग़मज़दा = दुःखी ।

अन्तरा-४.

न  तेरा,  न  मेरा,  समंदर झमेला..!
खुद को जहाँ का, मेहमान  कर  ले ।
जा, समंदर को  लहूलुहान  कर  दे ।

झमेला = भीड़-भाड़ ।

मार्कण्ड दवे । दिनांकः १४-०४-२०१४.



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