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2.8.15

जलाभिषेक के लिए मिटटी के स्थान पर प्लास्टिक के बर्तन के प्रयोग के आदेश पर पुनर्विचार हेतु


सेवा में,
श्रीमान मंडलायुक्त महोदय,
वाराणसी मंडल, वाराणसी

महोदय,

गंगा गोमती संगम तट पर स्थित श्री मार्कंडेय महादेव धाम कैथी में सावन मेले के दौरान जलाभिषेक हेतु मिटटी के कुल्हड़ पर जिला प्रशासन द्वारा लगाये गए पूर्ण प्रतिबंध और केवल प्लास्टिक के बर्तन के उपयोग का आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए. मिटटी के कुल्ल्ड के प्रयोग पर प्रतिबन्ध से जहाँ सैकड़ों ग्रामीण परिवारों की आजीविका प्रभावित होगी वहीँ मंदिर के आस पास लाखों की संख्या में प्लास्टिक के बर्तन बिखरेंगे जिसका कोई दूसरा उपयोग नही होगा और अंततः पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ेगा.



रिसाइकिल्ड प्लास्टिक के उपयोग से बने ये बर्तन पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत खतरनाक हैं, यदि इन्हें जलाया भी जाएगा तो वातावरण में खरतनाक गैसे फैलेंगी. सस्ते प्लास्टिक का यह बर्तन किसी दुसरे उपयोग में न आकर केवल पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा इसके विपरीत मिटटी का कुल्हड़ कुछ दिन बाद पुनः मिटटी में परिवर्तित हो जाता है और जल जमाव वाले इलाके में मिटटी भरने के उपयोग में आ जाता है.
 
मिटटी से बने कुल्हड़ से पैर में चोट लगने का प्रशासन का तर्क अव्यावहारिक है, केवल इस कारण इस पर प्रतिबन्ध के बजाय इसेउपयोग के बाद मंदिर परिसर में ही व्यवस्थित ढंग से एक स्थान पर डालने की व्यवस्था की जा सकती है.

इस प्रतिबन्ध के एक और सामाजिक और आर्थिक पहलू यह भी है कि कैथी और आस पास के गावों के लगभग सौ कुम्हार परिवार कई महीने पहले से मेहनत करके कुल्हड़ बना कर रखते हैं, सावन का महीना उनकी आजीविका का बड़ा आधार होता है,मिटटी के कुल्हड़ के प्रयोग के प्रतिबन्ध से उनकी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

आपसे निवेदन है इस मामले का संज्ञान में लेते हुए पर्यावरण और कुम्हारों की आजीविका के पक्ष को दृष्टिगत रखते हुए उचित कार्यवाही करने की कृपा करें.

भवदीय
वल्लभाचार्य पाण्डेय
सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं सह संयोजक 'भू सेवा जल सेवा अभियान 2015'
ग्राम भन्दहा कला पोस्ट कैथी
वाराणसी-221116
मो.9415256848  


प्रतिलिपि:
१. जिलाधिकारी महोदय वाराणसी
२. राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल, नइ दिल्ली
३. माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश

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