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23.8.15

सीबीआई को एक पत्र

सोसायटी फॉर एजुकेषन डेमोक्रेसी मध्यप्रदेश

श्रीमान् प्रभारी अधिकारी
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो
(सी.बी.आई.)
केम्पस भोपाल, म.प्र.

विषय - एस टी एफ द्वारा व्यक्तियों को दण्ड से बचाने के आशय से विधि के निदेश की अवज्ञा।

सेवा में,

महोदय, विनम्र निवेदन है कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो द्वारा जबसे अनुसंधान अपने हाथ में लिया है 93 नई एफ.आई.आर. दर्ज की गई। उक्त संदर्भ में इस प्रकार निवेदन है कि -



(1) यह है कि सी बी आई के पूर्व व्यापमं की जॉंच एस टी एफ कर रहा था और एस टी एफ द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशन में ही जांच कार्य कर रहा था। लेकिन एस टी एफ द्वारा तथ्यो को उपेक्षित कर प्रभावशाली व्यक्तियों को दण्ड से बचाने के लिये उक्त 93 अपराधो की एफ.आई.आर. दर्ज नही की जो कि भा.द.वि. संहिता की धारा 217 के अन्तर्गत 2 वर्ष की सजा का एक गंभीर अपराध है। एवं 93 एफ.आई.आर. में पृथक - पृथक यह अपराध बनता है।
(2) यह है कि समस्त 93 एफ.आई.आर. में उक्त धारा 217 बढाई जाय और जांच में जो दोषी अधिकारी है, उन्हे सह अपराधी बनाने के निर्देश दिये जाय।
(3) यह है कि एस.टी.एफ. द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में जो समय समय पर प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की है उस रिपोर्ट से भी छेडछाड होने की संभावना है।
अतः तथ्यो के आधार पर रिपोर्ट में जो आरोपियो को बचाने का प्रयास किया है उसकी भी सी.बी.आई. से जांच करवाने के निर्देश दिये जाने की कृपा करें।

विनीत
अभय चोपडा
जैन कॉलोनी, जवाहर मार्ग, नागदा
जिला-उज्जैन, म.प्र.

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