Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

12.9.15

देवरिया के जिला अस्पताल में दवा की आपूर्ति ठप्प

लगातार दो दशक से एल पी की आपूर्ति कर रही है एक फर्म

दवा के मद में बाकी हैं 55 लाख



देवरिया । उत्तर प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव का कहना है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं विशेष रूप से दवाओं के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। बजट की कमी से दवा और ईलाज के अभाव में किसी भी मरीज को परेशान होना नहीं पड़ेगा। लेकिन यदि देवरिया जिले के स्वास्थ्य महकमा के उच्च अधिकारियों की बातों पर गौर करे तो पता चलता है कि पिछले तीन वर्षों से करीब 55 लाख रूपए केवल जिला चिकित्सालय देवरिया में दवा के मद में बाकी है। दवा के मद में बजट न आने से जिला अस्पताल की चिकित्सकीय व्यवस्था लड़खड़ा गई है। किसी तरह से अस्पताल की व्यवस्था को जिन्दा रखा गया है। हालत यह हो गई है कि लोकल परचेज की दवा की आपूर्ति करने वाले फर्म ने भुगतान न हो पाने की वजह से दवा की आपूर्ति रोक दी है।



इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 पी कन्नौजिया का कहना है कि बजट के लिए कई बार अनुस्मारक पत्र स्वास्थ्य निदेशालय लखनऊ को भेजा जा चुका है। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। उन्होने बताया कि कई फर्मों ने तो भुगतान न होने की दशा में न्यायालय में मुकदमा करने की चेतावनी दी है।

उल्लेखनीय है कि देवरिया जिला उत्तर प्रदेश का सबसे पिछड़ा एवं गरीब जिला माना जाता हैं। लखनऊ में बैठे आला हुक्मरान देवरिया जिला को डिमान्डिग अर्थात मांगने वाला जिला कहते है। देवरिया जनपद चूॅकि बिहार राज्य से भी सटा हुआ है, इसलिए जिला अस्पताल में बिहार राज्य के मरीजों की भारी संख्या प्रतिदिन जिला अस्पताल में ईलाज कराने आती है। यहां पर आवश्यकतानुसार पैरा मेडिकल स्टाफ की सदैव किल्लत बनी रहती है। लेकिन किसी तरह से अस्पताल को संचालित किया जा रहा है। अब दवा की अनुपब्लधता से अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों के सामने बड़ी भारी समस्या उत्पन्न हो गई है। वे मरीजों को दवा उपलब्ध करा पाने में असमर्थता की वजह से लाचार हो गए है।

अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 पी कन्नौजिया बताते है कि जिला अस्पताल में करीब 55 लाख रूपए पिछले करीब तीन वर्षो से बकाया है। दवा आपूर्ति करने वाली फर्मे भुगतान के लिए पत्र लिखती है। लेकिन बजट न होने के कारण हम भुगतान करने में असमर्थ है। यहां तक कि लोकल परचेज की दवा की आपूर्ति करने वाली फर्म लक्ष्मी फार्मा मोहन रोड देवरिया का करीब आठ लाख रूपए का बकाया चल रहा है। बकायों का भुगतान न होने से दवा की आपूतर््िा फर्म ने रोक दी है। इससे अस्पताल में अत्यन्त जरूरी दवाओं की आपूर्ति रूक गई है।

वहीं जिला अस्पताल के कई चिकित्सकों ने अपना नाम प्रकाशित न किए जाने की शर्त पर बताया कि लोकल परचेज की दवा में बड़ी धांधली हो रही है। करीब बीस वर्षांे से निरन्तर एक ही फर्म लोकल परचेज की दवा की आपूर्ति कर रहा है। यह फर्म बीच बीच में दवा की आपूर्ति रोक कर अपना दबा दबा बनाती है और शासन के नियमों के विपरीत काम करती है। क्योेंकि नियम है कि कोई भी दवा कम्पनी या फर्म दवा की आपूर्ति नहीं रोक सकती है। क्योंकि यह जीवन की सुरक्षा और अत्यन्त आवश्यक सेवाओं के अधीन आता है। खास तौर पर शुगर के मरीजों के लिए तो उनका एक दिन का भी दवा रोका जाना अत्यन्त घातक है।

जिला अस्पताल के डाक्टरों का यह भी कहना है देवरिया जिले में कई ऐसी अन्य दवा की फर्में हैं जो जिला अस्पताल में बिना अवरोध उत्पन्न किए ही दवा की आपूर्ति हेतु इच्छुक हैं। लेकिन पता नहीं क्यों उन फर्मों को दवा आपूर्ति का अवसर जिला अस्पताल प्रशासन नहीं देता है। डाक्टरों का कहना है कि नए वित्तीय वर्ष में लोकल परचेज की दवा की आपूर्ति के लिए अस्पताल प्रशासन को समाचार पत्रों में बकायदा निविदा आमंन्त्रित करते हुए नए दवा की कम्पनी या फर्मो से दवा की आपूर्ति लेनी चाहिए। ताकि वर्तमान दवा आपूर्ति करने वाली फर्म लक्ष्मी फार्मा मोहन रोड देवरिया का एकाधिकार समाप्त हो सके।

उक्त प्रकरण के सम्बन्ध में जिला अधिकारी श्रीमती अनिता सिंह ने कहा कि अस्पताल से सम्बन्धित इस तरह की शिकायते कई बार से आ रही है। इस प्रकरण के जांच हेतु एस डी एम सदर को निर्देश दिया गया है जो जांच कर एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देंगे।



प्रेषक -

ओ पी श्रीवास्तव

देवरिया

No comments: