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3.9.15

हड़ताल सफल, मजदूरों ने भरी हुंकार: पूंजीपतियों से यारी, मजदूरों से गद्दारी नहीं चलेगी


-मुकुल / अयोध्या प्रसाद ‘भारती’

रुद्रपुर (उत्तराखंड) 2 सितम्बर। केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ केन्द्रीय टेªड यूनियनों के आह्वान पर 2 सितंबर को अखिल भारतीय मज़दूर हड़ताल का रुद्रपुर क्षेत्र में भी व्यापक असर रहा, जहाँ राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा रोडवेज की हड़ताल को प्रतिबन्धित करने के बावजूद रोडवेज का चक्का जाम रहा, बैंक व बीमा बन्द रहे, वहीं औद्योगित आस्थान सिडकुल क्षेत्र की तमाम यूनियनें हड़ताल पर रहीं। टाटा यूनियन की हड़ताल से टाटा की सभी वैण्डर कम्पनियां बन्द रहीं। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के ऐन वक्त पर पीछे हट जाने के बावजूद हड़ताल पूरी तरह से सफल रही। यहाँ तक कि बीएमएस सम्बद्ध तमाम यूनियनें हड़ताल व प्रदर्शन में शामिल रहीं। मजदूरों ने जबरदस्त गर्मी के बावजूद पूरे जोश के साथ अम्बेडकर पार्क में पूरे दिन सभा की और बाजार व मुख्य मार्ग पर हजार की संख्या में रैली निकाली। उधर हल्द्वानी में भी जबर्दश्त प्रदर्शन हुआ और वहाँ निजी परिवहन व ऑटो तक बन्द रहे।



    रुद्रपुर के अम्बेडकर पार्क की सभा में वक्ताओं ने मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन करने, बीमा, बैंक समेत तमाम सार्वजनिक संस्थाओं में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर उन्हें देशी-विदेशी मगरमच्छों की चारागाह बनाने, रोड ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बिल के जरिये सार्वजनिक परिवहन के ढ़ांचे को निजी मुनाफाखोरों के हवाले करने की तैयारी की कड़े शब्दों में निंदा की। वक्ताओं ने कहा कि कॉरपोरेटपरस्त मोदी सरकार के मजदूर-कर्मचारी विरोधी नीतियों का आज पूरे देश में 15 करोड़ से ज्यादा मेहनतकश जनता सड़कों पर उतरकर चुनौती पेश कर रही है। अंबानी-अड़ानी व बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की कठपुतली बनी मोदी सरकार को देश की मेहनतकश जनता पीछे हटने को निश्चित रूप से बाध्य करेगी। देश की जनता समझ चुकी है कि मोदी सरकार का अच्छे दिनों, श्रमेव जयते, मेक इन इण्डिया के तमाम लफ्फाजीपूर्ण नारे मुनाफाखोरों की दौलत बढ़ाने वाले और मेहनतकश जनता के लिये बुरे एवं बदहाली भरे दिन लाने वाले हैं। आने वाले दिनों में देश की मेहनतकश जनता अपने एकताबद्ध संघर्षों के दम पर अपने एक-एक इंच अधिकार को हासिल करेगी।
    सभा के दौरान बीएमएस के हड़ताल से हटने की कड़े शब्दों में निंदा हुयी। हरिद्वार में इंकलाबी मजदूर केन्द्र के महासचिव समेत तीन लोगों को हड़ताल के आह्वान के प्रचार के दौरान उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने की घटना की भी कठोर शब्दों में निंदा हुई और इसे मौलिक अधिकारों का हनन बताया गया। सभा व जुलूस में एक्टू, इंक़लाबी मज़दूर केन्द्र, मज़्ादूर सहयोग केन्द्र, सीटूू, इंटक, एटक, टाटा मोटर्स लि. श्रमिक संघ, नैस्ले कर्मचारी संगठन, ब्रिटानिया श्रमिक संगठन, ब्रिटानिया कर्मकार यूनियन, रिद्धि सिद्धी कर्मचारी संघ, एचपी मज़दूर संघ, राने मद्रास इम्पलाइज यूनियन, ऐरा श्रमिक संगठन, थाई सुमित नील आटो कामगार संगठन, एलजीबी वर्कर्स यूनियन, टाटा ऑटोकॉम सिस्टम कम्पोजिट डिवीजन मज़दूर संघ, व्हेवरॉक वर्कर्स यूनियन, पारले मज़दूर संघ, वोल्टास इम्पलाइज यूनियन, ऑटो लाइन इम्पलाइज यूनियन, आनन्द निषिकावा इम्पलाईज यूनियन, बीमा कर्मचारी संघ, बडवे इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन, आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन, उत्तराखण्ड ऊर्जा कामगार संगठन, रोडवेज इम्पलाईज यूनियन, ठेका मजदूर कल्याण समिति, एण्डोरेंस यूनियन, सीपीआई आदि संगठनों ने भागेदारी निभाई।
    सभा को निशान सिंह, मुकुल, कैलाश भट्ट, दिनेश आर्य, दरपान सिंह खाती, हीरा लाल, उत्तम, गणेश मेहरा, संजय यादव, पूरन पाण्डेय, विनीत त्यागी, हीरा सिंह, सुनील, मणीन्द्र मण्डल, उपदेश सक्सेना, नरेन्द्र मटियाली, कमलेश कौर, लविन्द्र चिलवाल, शम्भू दत्त कविदयाल, राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, जनार्दन सिंह, विशुन, एम एन उप्रेती, प्रमोद तिवारी आदि ने सम्बोधित किया। संचालन दिनेश तिवारी, नन्द लाल, संजय कोटिया, नरेन्द्र सेमवाल व राजदीप बाठला ने संयुक्त रूप से किया।
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