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8.4.16

दिलीप कुमार यादव एक पाक्षिक कृषि समाचार पत्र का प्रकाशन शरू कर रहे हैं

प्रियवर,

भगवान श्री कृष्ण ने ब्योमासुर असुर को मारकर वायु प्रदूषण, कालिय नाग को नाथ कर यमुना नदी के प्रदूषण को दूर किया। उन्होंने गोचारण करके समूची मानव जाति को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। बिगडती पर्यावरणीय परिस्थितियों में कृषि और किसान दोनों परेशान हैं। किसानों की इस दर्दनाक परिस्थिति में हमने उनका हमराह होने का संकल्प लिया है। चंद लोग किसानों को बचाने के लिए एक पाक्षिक कृषि समाचार पत्र का प्रकाशन शरू कर रहे हैं।


इसका प्रकाशन करने वाला कोई धन्नासेठ नहीं बल्कि बुन्देलखण्ड के जनपद बांदा के गांव बडोकर खुर्द में आवर्तनशील खेती पर काम कर रहे प्रेमभाई, कृषि क्षेत्र में पहला पद्मश्री पाने वाले सुभाष पादेकर, आधुनिक गांधी पीव्ही राजगोपाल, मैग्सैसे पुरस्कार प्राप्त जल पुरुष राजेन्द्र सिंह जैसे जीवट किसान और किसानी के लिए काम करने वाले लोगों की प्रेरणा से यह कदम आगे बढाया जा रहा है। आप सोच रहे होंगे कि कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी कदमों के साक्षी एमएस स्वमीनाथन जैसे अनेक लोगों का जिक्र क्यों नहीं हुआ। सच में इन माहापुरूषों का जीवन दर्शन और कृतित्व ही हमारा सच्चा मार्ग दर्शक है।

ठेठ देहात में पुरातन परंपरा और सम्पदा को आज तक संरक्षित करने वाले पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाके और विभिन्न पिछडे कहे जाने वाले कई राज्यों के किसान भी हमारे मार्ग दर्शक हैं जिनके दम पर आज विभिन्न पशु संस्थानों में देशी नस्ल संरक्षण के करोडों के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इन संस्थानों के पास तो वह नस्लें नहीं हैं लेकिन किसानों ने उन्हें आज तक बचाया हुआ है। हमारे सहयोगी वह वैज्ञानिक भी हैं जिन्होंने दर्जनों किस्मों का विकास किया और बगैर किसी सरकारी पुरस्कार की चाह के संतों जैसा जीवन जी रह हैं। वह वैज्ञानिक भी हैं जो अनेक प्रतिकूल परिस्थितियों के बाद आज भी देश के लिए काम कर रहे हैं।

हमें संबल प्रदान करने वालों में कॉरपोरेट घरानों के अखबारों में काम कर रहे वह शीर्ष पत्रकार भी हैं जो स्वच्छंदता से कृषि क्षेत्र के लिए काम नहीं कर पाते। उन्हें हम मंच देंगे ताकि वह किसानों की दशा सुधारने की दिशा में ठोस उपाय हमें सुझाते रहें। हमें आशा है कि भगवान के सबसे प्रिय पुत्र कहे जाने वाले किसानों की हम कुछ सेवा कर पाएंगे तो यह जीवन अवश्य धन्य होगा। आप हमें जिस रूप में सहयोग कर सकें कर सकते हैं।

साधन्यवाद
दिलीप कुमार यादव
आकस्मिक उद्घोषक ऑल इण्डिया रेडियो
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से सम्मानित कृषि पत्रकार
मथुरा

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