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22.8.16

अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में...


गाजियाबाद। साहित्यिक व सांस्कृतिक सरोकारों को समर्पित नवगठित संस्था ‘श्रृंखला’ की ओर से पटेल नगर द्वितीय में सुमधुर काव्य संध्या आयोजित की गई। इसमें नामचीन कवियों ने अपनी कविताओं से लोगों को भाव विभोर कर दिया। करीब चार घंटे तक चली इस काव्य संध्या की अध्यक्षता ओज के सुप्रसिद्ध कवि कृष्ण मित्र ने की।
सुविख्यात कवि डॉ. कुंअर बेचैन इसके मुख्य अतिथि रहे। मशहूर शायर जमील हापुड़ी, सुविख्यात कवयित्री डॉ. रमा सिंह व युवा कवि चेतन आनंद के साथ डॉ. बेचैन व कृष्ण मित्र ने फीता काटकर पटेल नगर में बने नये ओपन थिएटर का उद्घाटन किया। इसके बाद डॉ. रमा सिंह ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर काव्य संध्या की विधिवत शुरुआत की। काव्य संध्या में डॉ. कुंअर बेचैन को लोगों ने जी भरकर सुना। उन्होंने भी अपने खजाने में से एक से एक नायाब रचनायें निकालकर लोगों को सुनाईं। ‘दिल पे मुश्किल है बहुत दिल की कहानी लिखना, जैसे बहते हुए पानी पे हो पानी लिखना। क्या ऐ सूरज तेरी औकात है इस दुनिया में, रात के बाद भी इक रात है इस दुनिया में, शाख से तोड़े गये फूल ने हंसकर ये कहा, अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में।’ जैसी अमर रचनाओं का उन्होंने पाठ किया।

लोग बार-बार इन पंक्तियों को सुनने पर अड़े रहे। डॉ. रमा सिंह ने कहा कि ‘कैसी उल्टी पवन चले, कांटे बनकर फूल खिले, अब हम क्या बतलायें तुमको, होम किया और हाथ जले’, गीत की तान जब छेड़ी, सुनने वाले तालियां बजाने को मजबूर हो गये। डॉ. रमा सिंह एक के बाद एक अपनी चर्चित गजलें पढ़ती रहीं। उनके मुक्तकों की झड़ी को खूब सराहना मिली। जमील हापुड़ी साहब को लोगों ने अनेक बार सुना। उनकी गजलों व लोकगीतों ने लोगों का ध्यान बरबस ही अपनी ओर खींचा। ‘नत्थू की बहू’ लोकगीत पर लोग झूम उठे। कवि चेतन आनंद ने मंच का संचालन किया। उन्होंने अपने मुक्तकों के बाद एक सकारात्मक सोच को समर्पित गीत पढ़कर सबको अभिभूत कर दिया। उन्होंने श्रोताओं को अपने चुटीले अंदाज से हंसने पर भी मजबूर किया। उनकी ये चार पंक्तियां खूब सराही गईं-‘अब तो कम से कम रख दे, ज़ख्मों पर मरहम रख दे, फूलों जैसे होंठों पर, खुशियों की शबनम रख दे।’ कवि कृष्ण मित्र ने अपनी ओजपूर्ण कविताओं से सबमें नई ऊर्जा का संचार किया। उनकी पंक्तियां‘ आइये बैठें ज़रा कुछ तथ्य की बातें करें, मंच से हटकर अलग नेपथ्य की बातें करें, रहनुमाओं ने हमें गुमराह इतना कर दिया, अब चलो निज बुद्धि की, सामर्थ्य की बातें करें, मुक्त कंठ से सराही गईं।

काव्य संध्या में बीएल बत्रा ‘अमित्र’ व रवि चोपड़ा ने भी काव्य पाठ किया। श्री बत्रा व अशोक श्रीवास्तव कार्यक्रम के संयोजक थे। श्री बत्रा ने संस्था का परिचय दिया व इसके उद्देश्यों से लोगों को अवगत कराया। इस दौरान उनकी नई म्यूजिक एलबम ‘नया परिन्दा’ का रिकार्ड किया हुआ टाइटल सांग भी लोगों को सुनाया गया। अस अवसर पर कवियों को स्मृति चिह्न, एक सीडी व पत्र-पुष्प देकर सम्मानित किया गया। सबका आभार अशोक श्रीवास्तव ने प्रकट किया। उन्होंने बताया कि ‘श्रृंखला’ संस्था के तहत हर महीने साहित्यिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम क्रमवार हुआ करेंगे। इनमें देश के वरिष्ठ कवियों-शायरों के अलावा नवोदित कवियों, शायरों व कलाकारों को मंच प्रदान करने का काम किया जाएगा। काव्य संध्या में अजीत श्रीवास्तव, दुर्गेश अवस्थी, दीपाली जैन, अनिल शर्मा एडवोकेट, अंकुर जैन, डॉ. राखी अग्रवाल, विशाल अग्रवाल, समीर बत्रा, तन्वी बत्रा, सुषमा श्रीवास्तव, आनंद त्रिपाठी, अनूप पांडेय, डॉ. दिनेश कुमार, डी. ब्लॉक पटेल नगर आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार, गाजियाबाद नागरिक परिषद के डॉ. ओपी अग्रवाल, वीजे नैयर, अरुण गुप्ता, आरके सेठी, पीके सेठ, वागीश शर्मा एडवोकेट आदि मौजूद थे।  

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