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प्रशासन आजादी के 70 साल बाद भी समाज में अपनी जगह बनाने में सफल नहीं हो पा रहा

मीडिया और प्रशासन का अन्योनाश्रय संबंध है। आजादी के लगभग 70 साल बाद भी प्रशासन, समाज के बीच अपनी जगह बनाने में सफल नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण इलाकों में लोग पुलिस के नाम से डरते हैं। लेकिन समय के साथ प्रशासन के कार्यों में भी बदलाव हो रहा है। समाज के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध के लिए प्रशासन कई योजनाएं भी चला रहा। समाज और प्रशासन के संबंधों को जोड़ने में मीडिया का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। समाज और प्रशासन के बीच मीडिया मध्यस्था की भूमिका अदा करता है। उक्त बातें महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के जनंसंचार विभाग में मीडियाः प्रशासन और समाज का अंतर्संबंध पर आयोजित मीडिया संवाद में वर्धा के पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने कही।


गोयल ने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा कि यह समय सबसे मूल्यवान समय है। इसका ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करें। छात्र जीवन में कई समस्याएं हैं लेकिन उसका समाधान भी है। छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र है। यहां विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका तीन तरह की शक्तियों का विभाजन किया गया है। ये तीनों शक्तियां एक दूसरे पर निर्भर है। मीडिया की बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में मीडिया का जन्म समाज में व्याप्त कुरूतियों, अंधविश्वास जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए हुआ। समय के साथ मीडिया की शक्तियां बढ़ती गई लेकिन मीडिया का उत्तरदायित्व और जिम्मेदारियां तय नहीं हुई। जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व की बात आई तो मीडिया ने खुद को नियंत्रित करने के लिए स्वनियमन की बात कही। पत्रकारिता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि असली पत्रकारिता भाषाई पत्रकारिता है। 21वीं सदी में सोशल मीडिया के आगमन ने सूचना जगत में एक नई क्रांति लाने का काम किया है। आनेवाला समय सोशल मीडिया का है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हिंदी विवि के प्रतिकुलपति डॉ. आनंद वर्द्धन शर्मा ने अंकित गोयल को गांधी चरखा देकर स्वागत किया। डॉ. शर्मा ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि रातों की नींद खराब कर प्रशासन जगता है और हमलोग आराम से सोते हैं। युवा पुलिस अधीक्षक से छात्रों को प्रेरणा लेने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया और प्रशासन का संबंध अटूट है। दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं।

विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ. धरवेश कठेरिया ने कार्यक्रम की रूपरेखा और अतिथियों का परिचय देते हुए कहा कि मीडियाः प्रशासन और समाज के अंतर्संबंधों पर आज गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। समाज में जिस तरह से अपराध, भ्रष्टाचार और सांस्कृतिक विघटन की समस्याएं बढ़ती जा रही है ऐसे में समाज, प्रशासन और मीडिया को एक-दूसरे का प्रतिपुरक होकर कार्य करने की आवश्यकता है। मीडिया संवाद में छात्रों और पुलिस अधीक्षक के बीच प्रश्नोत्तर का संवाद भी रखा गया जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। मीडिया संवाद में प्रतिकुलपति का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अख्तर आलम ने किया। इस अवसर पर विभाग के सहायक प्रोफसर संदीप वर्मा, राजेश लेहकपुरे, डॉ. रेणु सिंह के अलावा विद्यार्थी और शोधार्थी मौजूद रहे।

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