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17.11.16

नोटों की महाभारत में मोदी की राम कथा

धरती आकाश और समुद्र के तीनो सेनापतियों ने विभीषण की तरह आतंक के रावण को मारने के लिए अवतारी राम मोदी को  सलाह दी कि-" हे राष्ट्रवाद के मानवरूपी अवतारी मोदिराम जबतक आप रावण की नाभि में अमृत की भांति संचित नकली करेंसी को नष्ट नहीं करते दशानन को मारा नहीं जा सकता। अतः आप 500 और 1000 के नोटों की रद्दी से एक अग्निबाण बनायें और उसे रावण की नाभि में ठोंक दें। जैसे ही रावण की नाभि का अमृत जलकर नष्ट हो जाएगा फिर चाहें कोई भी हो आप या लक्ष्मणजेटली या सुग्रीवराजनाथ या  खर्च हो चुके जामवंतआडवाणी ,  जिसका भी मूड होगा , जिसपर आपका विश्वाश,आपकी कृपा होगी वह आतंकवाद रुपी रावण का बध करने में सक्षम होगा। राम ने विभीषन की सलाह का संज्ञान लिया और  निर्णायक अनुमति के लिए कैलाश पर्वत अर्थाथ  राष्ट्रपति भवन में विराजे ईष्ट शंकर मुखर्जी की शरण में गये।


राष्ट्रपति की आराधना की शिष्टाचार किया रावण का नंग नाच बताया तो उन्होने राष्ट्र हित में अपने परम  भक्त रावण का मोह त्यागा और जब उन्होंने भी सहमति की मुहर लगाते हुए कहा-विजयी भव तो मोदी राम जी ने 8 nov को रात 8 बजे रावण की नाभि के अमृत को नष्ट करने की घडी निश्चित कर दी। और फिर प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर एलान कर दिया कि 4 घंटे बाद अमृत फिनिश..500 10000 के नोट रद्दी। मोदीराम ने अपने धनुष पर अभी रद्दी हुई करेंसी का  तीर बनाकर चढ़ाया ही था कि तभी हनुमान शाह जी आ गए और उन्होंने राम जी के कान में फुसफुसाते  हुए कहा - भगवन  ज़रा रावण के सर तो देखो ...कैसे अट्टहास कर रहे हैं। कह रहे है वो 15 लाख कहाँ है? विदेशों में जमा कालाधन आ गया? सीमा पार घुसकर ये कैसी स्ट्राइक की कि रोज बिना युद्ध के  सीमा पर स्कोरबोर्ड देखना पड़ता है मेरे जवान जादा मरे या उनके.. जितने हिट डायलॉग आपने चुनाव में बोले थे, जिनके प्रभाव से आज आप राजा मोदी राम बने हैं उन्हें ये सर दोहराते हैं और आपकी मुरीद जनता से पूंछते है ..अच्छे दिन आ गए..??

हनुमान कहते गये मोदी राम के तेवर बदलते गए, वो मोदी राम के बजाय केवल मोदी रह गए  ..उन्हें नाभि की जगह केवल सर दिखने लगे और सर में दिखने लगे मुलायम, माया, केजरी, लालू, चुनाव, भाषण, रैली, वादे कालाधन, भ्रष्टाचार जो उन्हें मुंह चिढ़ा रहे हैं. मोदी राम को लगा इनको नष्ट किये बिना देश भले बच जाए किन्तु मेरी और मेरे वंश की मर्यादा नहीं बच पायेगी.. आगे अभी उप्र, पंजाब, सहित 5 राज्यों में अश्वमेघ यज्ञ भी करने हैं ..भगवान राम मोदी ने अनुज लक्ष्मण जेटली और भक्त हनुमान शाह की ओर एक दृष्टि दौड़ाई, अनुज और भक्त ने सहमति की मुंडी हिलाई और मोदी ने राम राम कहते हुए तीर तोंदी के बजाय दस मुंडों की ओर छोड़ दिया... सर धड़ से अलग पड़े हैं, लहूलुहान हैं मगर मुस्करा रहे हैं क्योंकि उन्हें पता जब तक नाभि में अमृत है रावण मरेगा नहीं और धड़ पर नए सर फिर से..2000..10000..500 की नयी करेंसी के रूप में...उग आएंगे...! और आम जनता रीछ भालू की तरह बैंकों के आगे लाइन लगाये मोदी मोदी मोदी के जय घोष के साथ पूर्ण विश्वास में है कि रावण मरने ही वाला है, तीर चल चुका है...!

प्रमोद तिवारी
संपादक, हेलो कानपुर
सलाहकार संपादक, दैनिक रॉयल मेल


1 comment:

HindIndia said...

शानदार पोस्ट …. sundar prastuti … Thanks for sharing this!! 🙂 🙂