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2.3.17

सपा को आइना दिखाएगी यूपी की जनता

उत्तर प्रदेश के 2012 के तत्कालीन चुनाव में जब सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो हम जैसो के साथ साथ तमाम जनता को ये आशा बंधी थी की उन्हें बसपा के तानाशाही पूर्ण रवैये से मुक्ति मिलेगी,किन्तु हुआ इसके बिपरीत प्रदेश में सपा के लोगो द्वारा भी दबंगई ही की जा रही है।


कुछ मुख्य मुद्दे इस तरह हैं-

सबसे पहला मुद्दा आई. ए. एस. अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का था उस समय ये अधिकारी गौतमबुद्ध नगर में सेवा में थी इस अधिकारी ने सक्रिय रेत माफ़ियाओं के खिलाफ अभियान चलाया जिसके परिणामस्वरूप इन्हें जुलाई 2013 में निलंबित कर दिया। हालाँकि भारी आलोचनाओ के बाद पुनः बहाल किया गया।

प्रदेश सरकार के इस तरह के कार्यों की सूची बहुत ही लंबी है जिसमे  पत्रकारों पर हमले, पुलिस की गुंडागर्दी, व सपा कार्यकर्ताओं द्वारा की गयी दादागीरी जैसे कार्य हैं। अभी हाल ही में एक आई. पी. एस. श्री अमिताभ ठाकुर का निलंबन भी चर्चा में है

श्री ठाकुर ने मुलायम सिंह के खिलाफ 10 जुलाई को उन्हें  धमकाने की शिकायत दर्ज करवाई थी परिणामस्वरूप ठाकुर को 13 जुलाई को विभिन्न आरोप यथा अनुशासनहीनता, महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने,शासन विरोधी कार्य और उच्च न्यायालय के निर्देशों की अनदेखी करने के आरोप लगा कर निलंबित कर दिया गया। परन्तु ऐसा भी कहा जा रहा है की मामला अवैध खनन से जुड़ा है।

इसके साथ ही इसी दिन एक महिला ने भी श्री ठाकुर पर बलात्कार की शिकायत दर्ज करवा दी जिसमे ठाकुर की पत्नी को भी सहाभियुक्त बनाया गया है।जिसे श्री ठाकुर ने सपा मुखिया मुलायम सिंह का "रीटर्न गिफ्ट" करार दिया है।

इसके साथ ही एक अन्य आई. ए.एस. अधिकारी विजय शंकर पाण्डेय ने भी प्रदेश सरकार पर ईमानदार अधिकारियो को परेशान करने का अरोप लगाया है। उत्तर प्रदेश सरकार के ये कारनामे तो बानगी भर हैं अगर समाचार पत्रों का अवलोक किया जाये तो इनकी फेहरिस्त इतनी लम्बी मिलेगी की बताया नही जा सकता।

हाल के कुछ वर्षों में प्रदेश में बलात्कार जैसी घटनाओ में बहुत तेजी दिखी है जिसका कारण आम लोगों में कानून और व्यवस्था का डर का न रह जाना हो सकता है क्योकि जब तक सरकार पुलिस पर इन मामलो में तेजी से कार्यवाही करने का दबाव नही डालेगी इस तरह के अपराधियों के हौसले बुलंद रहेंगे।

जिस प्रकार की सरकार का सपना हमारे युवाओं ने अखिलेश के साथ देखा था वो पूरी तरह से टूट चूका है प्रदेश की कमान किसके हाथ में है-
क्या वास्तव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हाथ में या मुलायम सिंह या उनके चाचा ताऊ रामगोपाल, शिवपाल या मामा के हाथो में।
सपा सरकार की ये दमनकारी निति आने वाले समय में इन्ही के लिए विनाशकाली होगी।

जिस तरह का माहौल अभी प्रदेश में बना है जनता उस से त्रस्त आ चुकी है
अगर यही हाल रहा तो आने वाले चुनाव में प्रदेश की जनता अपने परिपक्व होने का प्रमाण दे कर इन्हें आईना दिखा सकती है।

शुभ मिश्रा
रायबरेली
07705972727

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