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15.10.17

एशियाई खेल में भारत का परचम लहराने वाला गाजीपुर का पहलवान दवा के लिए मोहताज

एशियाड 1986 में कांस्य पदक जीतकर बन्नू सिंह ने किया था देश का नाम रोशन। 140 किलो ग्राम भार का पहलवान लीवर व डायबिटीज की बीमारी के है शिकार। सामाजिक कार्यकर्ता ब्रजभूषण दूबे ने प्रधानमंत्री को भेजा पूरी रिपोर्ट


हाथी के सूंड जैसी भुजाएं, केले के तने जैसे जिनके जंघे व शेर सा सीना हुआ करता था केंद्रीय रिजर्व पुलिस के जवान जूडो खिलाड़ी बन्नू सिंह पहलवान का।  140 किलोग्राम भार (सुपर हैवी वेट) से लड़ते हुए उन्होंने एशियाई खेल 1986 में भारत को कांस्य पदक दिला कर गौरवान्वित किया था। वह पहलवान आज डायबिटीज व लीवर की बीमारी से ग्रसित होकर इलाज का मोहताज हो गया है।

सादात विकासखंड के कनेरी गांव निवासी बन्नू सिंह से रविवार को समग्र विकास इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रजभूषण दूबे ने सहयोगियों सहित मुलाकात कर उनका दुख बांटा तथा पूरा मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को मेल तथा पोर्टल के माध्यम से भेजते हुए उनके समुचित इलाज तथा भरण पोषण का अनुरोध किया।

15,000 पेंशन खर्च हो जाती है दवा में ही-
वर्ष 1986 में संपन्न हुई एशियाई खेल के दौरान 1 कुंटल 40 किलो वजन (सुपर हैवी वेट) के पहलवान बन्नू सिंह दक्षिण कोरिया में जापान के पहलवान से लड़कर कांस्य पदक हासिल किया था। उस समय उन्हें भारत सरकार से ₹30000 मिले थे तथा सेवानिवृत्ति के बाद अब उन्हें ₹15000 महीने का पेंशन मिलता है।  पेंशन का अधिकांश हिस्सा डायबिटीज व लीवर की बीमारी के इलाज में खर्च हो जाता है। उनका इलाज काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में चल रहा है।

तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने किया था सम्मानित-
1944 में पैदा हुए पहलवान बन्नू सिंह 1966 में बतौर सैनिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस में भर्ती हुए थे उनकी शैक्षिक योग्यता मात्र आठवीं तक थी। 1986 में एशियाई खेलों के दौरान जूडो खेल में कांस्य पदक जीतने पर उन्हें ज्ञानी जैल सिंह व राजीव गांधी द्वारा सम्मानित किया गया था। गांव आने पर गाजीपुर के तत्कालीन कलेक्टर आलोक रंजन मे पहलवान के गांव कनेरी जाकर उनका ना केवल सम्मान किया था बल्कि गांव में व्यायाम शाला, उनके नाम पर सड़क और चिकित्सालय बनाए जाने का भी आश्वासन दिया था किंतु उन के स्थानांतरण के बाद सारी घोषणाएं धरी की धरी रह गई। बाद में बात आई गई हो गई और देश का गौरव बन्नू सिंह नेपथ्य  के पक्ष बन गए।
पहलवान बन्नू सिंह की के बड़े पुत्र केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल से सेवानिवृत्ति लेकर गाजीपुर रहते हैं बच्चों के साथ तथा छोटे पुत्र बलजोर सिंह घर रह कर उनकी सेवा करते हैं। ब्रजभूषण दुबे के साथ धर्मेंद्र मिश्र, रमेश चौबे, प्रवीण तिवारी, मुन्ना, अंशु पांडे आदि लोगों ने पहलवान बन्नू सिंह से प्यार बांटा तथा उन्हें सरकार से इलाज कराए जाने का भरपूर आश्वासन दिया।

भवदीय-

ब्रज भूषण दूबे
राष्ट्रीय अध्यक्ष
समग्र विकास इंडिया।
शास्त्री नगर, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश।
9452455444

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