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3.10.17

संगठन का हिस्सा बनते ही आप अतुल शक्ति प्राप्त कर लेते हैं

साथियों कलियुग मे जो संगठित नही वह बेहद कमजोर हो जाता है और अपने शत्रुओं द्वारा नष्ट भ्रष्ट हो जाता है इसीलिए हमारे वेदों मे कहा गया "संघे शक्ति:कलियुगे:" मतलब जो भी संगठित हो गया उसे दुनिया मे सब जगह विजय प्राप्त हो जाती उसके शत्रु पहले ही भयभीत होकर घुटने टेक देता है आजादी के बाद से समाज और राष्ट्र का सजग प्रहरी और लोकतंत्र का सच्चा सिपाही कभी भी संगठित नही हुआ तमाम छोटे छोटे संगठन बनाकर विभिन्न धाराओं मे विभक्त होकर कलम की ताकत पाकर भी शक्तिहीन रहा पत्रकारों का घोर उत्पीड़न होता रहा
सरेआम हत्याये होती रहीं और पत्रकारों का शोषण जमकर किया जाता रहा संविधान मे कहीं भी पत्रकारों को जगह नही दी गयी उसे केवल मौखिक रुप से  लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ बताकर दिवास्वप्न दिखाये गये भारतीय शासन प्रणाली मे न्यायपालिका,कार्यपालिका और विधायिका को ही सारी सुविधाओं से लैश किया गया पत्रकारों के लिए आज तक किसी भी सरकार ने चाहे वह केन्द्रीय सरकारे रही हों या प्रान्तीय सरकारे रही कभी उसे कोई सुविधा नही दी गयी पत्रकारों के लिए कोई भी वजट नही बनाये जाते और नही तो पत्रकारों को मान्यता प्राप्त पत्रकार कहकर फूट डाल कर दमनात्मक अग्रेजी शासन की तरह पत्रकारों को गुलाम बनाने का कृत्य किया गया पत्रकारों मे विभेद करना उन्हे छोटा बताकर फूट डालने की गंदी मानसिकता ने पत्रकारों का तहस नहस कर दिया गया और आज पत्रकार कहीं का नही रह गया लाचार मजबूर पत्रकारों से पीत पत्रकारिता करवाने का घृणित दबाव भी बनाया गया ।

    साथियों पत्रकारों का अखिल भारतीय सर्वहितकारी पत्रकार महासंघ बनाने से पहले पत्रकारों के हितो के लिये लगातार चार साल तक गहन शोध किया और तब जाकर संगठन को बनाया गया है हमे वे सभी संवैधानिक अधिकार,सुविधाये और सुरक्षा व सम्मान चाहिये जिस तरह शासन के तीनो अंगो को मिल रहा है हमारा भी मंत्रालय हो,हमारा भी प्रतिनिधि भारत की संसद मे और प्रदेशो के विधान सभाओं मे बैठे हमारे लिए भी हर साल वजट बनाये जायें यह सब अखिल भारतीय सर्वहितकारी पत्रकार महासंघ लेकर ही रहेगा आपको सभी को विभिन्न धङों न बटकर केवल एक संगठन अखिल भारतीय सर्वहितकारी पत्रकार महासंघ मे शामिल होना होगा यकीन मानिये जिस आप दिन संगठित होकर संसद भवन और विधानसभा भवनो की तरफ कूच कर गये सरकारें सत्ता से बाहर हो जायेगी उनके चूल्हे हिल जायेगी आपको संगठित होकर अनुशासित होकर एक हुंकार पर दिल्ली और लखनऊ कूच करना पडेगा पुरा भरोसा रखिये जिस दिन आपका अखिल भारतीय सर्वहितकारी पत्रकार महासंघ "पत्रकारों दिल्ली चलो लखनऊ चलो"की घोषणा करेगा शासन व प्रशासन मे भूचाल आ जायेगा हम कलम के और सत्य व न्याय के सिपाही है हमारी कलमों से निकलने वाली स्याही शासन व सत्ता की तकदीरों का फैसला करतीं है हम सभी पत्रकारों की एक होकर ताकत दिखाने का समय आ गया है आने वाले लोकसभा चुनावो से पहले हमे हमारा हक चाहिये हम सभी लेकर रहेंगे भले हमे गोलियो से भून दिया जाय हमे फर्जी मुकदमो मे फंसाकर जेल भेज दिया जाय हम अब नही मानेगे लेकर ही रहेंगे एकता ही हमारा बल है अगर हम सभी को वुद्धिजीवी कहा जाता है क्या हमारा बल और बुद्धि  सत्ता के भुखे दरिन्दो के ही काम आयेगा नही ! नही !! नही !!! अब हमे भी सम्मान सुरक्षा संवैधानिक अधिकार चाहिये इसी लिए अखिल भारतीय सर्वहितकारी पत्रकारों महासंघ राष्ट्र के सम्पूर्ण प्रदेशों मे संगठन बना रहा हमारे इस महासंघ मे कोई भी छोटाबडा नही सब एक समान होंगे सभी पत्रकार चाहे वे वार्षिक,मासिक,पाक्षिक,साप्ताहिक या दैनिक समाचार पत्र हों टीबी चैनल्स हो पोर्टल न्यूज हों सभी को समाहित किया है हम सबको एक मंच पर लायेंगे सबको गले लगायेंगे सभी पत्रकार है बिना देर किये संगठन का हिस्सा बनिये और अपने अदम्य साहस और शक्ति को दिखा दीजिये।
जय पत्रकार ! जय पत्रकारिता !! जय अखिल भारतीय सर्वहितकारी पत्रकार महासंघ
घनश्याम प्रसाद सागर
राष्ट्रीय अध्यक्ष
अखिल भारतीय सर्वहितकारी पत्रकार महासंघ, भारत
ghanshyamsagarbeuro@gmail.com

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