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3.10.17

आईआईटी बीएचयू में बोर्ड ऑफ़ गवर्नर (BOG) स्तर पर अनियमितता!



सेवा में ,
माननीय मानव संसाधन मंत्री ,
भारत सरकार।
विषय : आईआईटी बीएचयू में बोर्ड ऑफ़ गवर्नर ( BOG ) स्तर पर अनियमितता के संदर्भ में।
महोदय , सविनय सूच्य है की इधर बीच काफी समय से बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी ( BHU ) परिसर महिला उत्पीड़न , यौन हिंसा ,भ्रस्टाचार और सामाजिक न्याय आदि मोर्चो पर नियुक्ति से लेकर सामान्य पठन पाठन तक के मामले में अशांत अनियमित और अराजक होता जा रहा है। व्यवस्थागत प्रश्नो पर प्रशासन प्रश्नो को उपेक्षित कर रहा है और फलस्वरूप छात्र -कर्मचारी आंदोलित हो रहे है और परिसर आए दिन मिडिया सुर्खियों में रह रहा है जो की एक शैक्षणिक परिसर के लिए ठीक नहीं है।

आज परिसर में IIT - BHU के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर की बैठक में एजेंडा, मीटिंग मिनट्स , और निर्णय - कार्यक्रम आदि की अनियमितता से संबंधित पर्चा ( संलग्न ) और ब्लॉग ( नीचे लिंक दिया हुआ है) चर्चा का केंद्र बना रहा। पर्चे और ब्लॉग अनुसार IIT - BHU के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर के चेयरमैन पदेन कुलपति है और घटनाक्रम इस प्रकार है :-
1 - पिछले वर्ष दिनांक 8 जुलाई 2016 को BOG की बैठक सम्पन्न हुई  है ।
2- 23 जुलाई 2016 को निदेशक द्वारा अग्रसारित मिनट्स का मसौदा चेयरमैन (कुलपति ) के पास अनुमोदन के लिये भेजा गया है ।
3- 2 अगस्त 2016 को मिनट्स के मसौदे में हो रहे विलम्ब के सम्बंध में अनुस्मारक दिया गया‌ है ।
4- 5 सितम्बर 2016 को मसौदे में कतिपय परिवर्तन करने का निर्देश चेयरमैन की ओर से दिया गया है ।
5 - 12 सितम्बर 2016 को चेयरमैन के द्वारा सुझाए गए परिवर्तनों को शामिल करने के बाद मिनट्स के मसौदे को वापस भेजा गया है ।
कई सदस्यों ने मिनट्स के भेजने में विलम्ब को लेकर चिंता जतायी और साथ ही उनको इस बात पर भी आपत्ति भी दर्ज कराई की कि बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर जो निर्णय लिए गए थे, मिनट्स उनके बिलकुल विपरीत था। इस सम्बंध में प्रो धनंजय पांडे ;13 सितम्बर 2016, प्रो जे एस राजपूत ;14 सितम्बर 2016,  प्रो राजीव संगल ;निदेशक; 15 सितम्बर 2016, प्रो ऒंकार सिंह ;16 सितम्बर 2016,  प्रो नरेंद्र आहूजा ; 20 सितम्बर 2016 और प्रो गणेश बागरिया ; 23 सितम्बर 2016 ने ईमेल लिखे हैं। इन सबकी यह माँग थी कि मिनट्स में व्यतिक्रम के आलोक में बीओजी की बैठक तत्काल बुलायी जाये ताकि उसे सुधारा जा सके और उसकी पुष्टि की जा सके। इस सम्बंध में एक सुझाव यह भी था कि बीओजी की बैठक की कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाये ताकि ग़लत मिनट्स न दर्ज हो सकें। स्वयं निदेशक ने भी इस सम्बंध में चेयरमैन से कई बार अनुरोध किया कि वे मिनट्स को संपुष्ट करने के लिए बीओजी की बैठक बुलायें।
6- 23 सितम्बर  2016 को चेयरमैन से बीओजी की बैठक दो हफ़्ते के अंदर बुलाने के लिए अनुरोध  किया गया क्योंकि  मिनट्स के संपुष्टि के अभाव में संस्थान का कामकाज प्रभावित हो रहा था ।
7 - 8 अक्टूबर  2016 को चेयरमैन को बीओजी की बैठक दो हफ़्ते के अंदर बुलाने के लिए फिर से अनुरोध किया गया चूँकि पिछली बैठक के मिनट्स तीन महीने बीत जाने के बाद भी अभी भी असंपुष्ट थे ।
8 - 23 अक्टूबर 2016 और 4 नवम्बर 2016 को फिर अनुरोध किया गया।
चेयरमैन ( कुलपति ) महोदय ने बीओजी के सदस्यों के ईमेल के जवाब में चुप्पी साध रखी है। यही नहीं, मौखिक अनुरोध के बावजूद उन्होंने अभी तक बीओजी की बैठक के लिए कोई तिथि मुकर्रर नहीं की है। मिनट्स के संपुष्टि के अभाव में संस्थान के समक्ष एक संकटपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
8 जुलाई 2016 की बैठक के बाद बीओजी की अब तक सिर्फ़ एक विशेष बैठक हुई है। जबकि संस्थान के प्रावधान  के अनुसार प्रति वर्ष बीओजी की कम से कम दो साधारण बैठक होना अनिवार्य है। उपरोक्त दिनांकित तथ्यों की जाँच और निरीक्षण अति आवश्यक है क्यूंकि बीएचयू की एक्जक्यूटिव कॉंसिल की दिल्ली में हुई बैठक अभी विवादों से घिरी हुई है ऐसी खबरे है की महिला उत्पीड़न के आपराधिक मुकदमे में दर्ज नामजद शख्श को MS बनाए जाने से सदस्य एक्जक्यूटिव कॉंसिल असहमत थे। ऐसे में आप महोदय से प्रार्थना है की बीओजी आईआईटी बीएचयू को लेकर लग रहे ऐसे आरोपों की तत्काल उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है, जिससे परिसर में पठन पाठन का सामान्य माहौल पुनः कायम हो सके और पारदर्शिता भी बनी रहे।
News Link : https://sakhikabira.blogspot.in/2017/09/blog-post_30.html?m=1 
साभार
धनञ्जय त्रिपाठी
शोध छात्र कायचिकित्सा
आयुर्वेद संकाय
बीएचयू - 221005
मो - 7376848410
dhananjaybhu10@gmail.com

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